हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के पहले के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। यह आदेश संजीव गांधी द्वारा दायर याचिका पर आया, जिन्होंने शिमला में एसओ के रूप में एसआईटी का नेतृत्व किया था।
गांधी ने जांच को सीबीआई को सौंपने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने पाया कि यह याचिका विचारणीय नहीं है। हालांकि, इसने राज्य सरकार और मृतक की पत्नी किरण नेगी को सीबीआई को जांच सौंपने के एकल न्यायाधीश के आदेश में की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने के संबंध में सीमित मुद्दे पर नोटिस जारी किए।
एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में मुख्य अभियंता नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे। बाद में उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर के गोविंदसागर में मिला था। एसआईटी जांच में पक्षपात का संदेह जताते हुए उनके परिवार ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।
मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ गांधी की अपील पर यह आदेश पारित किया। गांधी ने तर्क दिया कि डीजीपी और एसीएस (गृह) की स्थिति रिपोर्ट का संदर्भ देने वाले आदेश में कुछ टिप्पणियां आईपीएस अधिकारी के रूप में उनके करियर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अदालत अब इस सीमित पहलू पर उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी।
Leave feedback about this