मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नीति आयोग से पहाड़ी राज्यों को धन देने के लिए अलग मानदंड अपनाने को कहा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को ‘ग्रीन बोनस’ देने की मांग भी उठाई।
सुखू ने नई दिल्ली में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और सदस्य वीके पॉल तथा विशेषज्ञों के एक पैनल से मुलाकात की। उन्होंने नीति आयोग से हिमाचल प्रदेश की विशिष्ट आवश्यकताओं का अध्ययन करने तथा उसके अनुसार वित्त पोषण एजेंसियों और वित्त आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा अपनाए जा रहे ‘हरित हिमाचल’ के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा, “हिमाचल को अपने वन क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए ‘ग्रीन बोनस’ मिलना चाहिए, जो पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। हिमाचल उत्तर भारत के फेफड़ों के रूप में कार्य करता है और इसलिए वन क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए उसे ‘ग्रीन बोनस’ मिलना चाहिए।” उन्होंने नीति आयोग से पहाड़ी राज्यों की वित्तीय जरूरतों का आकलन करते समय एक अलग मानदंड अपनाने का आग्रह किया जो अन्य राज्यों से अलग है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) द्वारा क्रियान्वित की जा रही जलविद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने राज्य में बेहतर हवाई और रेल संपर्क की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं और बढ़ते कैंसर मामलों के संदर्भ में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और नीति आयोग से कारणों का विस्तृत अध्ययन करने का आग्रह किया ताकि उपचारात्मक उपाय किए जा सकें।
बेरी ने कहा कि विशेषज्ञों का एक पैनल राज्य द्वारा प्रस्तुत मामले का अध्ययन करेगा। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।