हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कल कहा कि राज्य को अभी तक 1,500 करोड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज नहीं मिला है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के दौरान की थी। पठानिया ने भटियात उपमंडल के जंद्रोह ग्राम पंचायत में नवनिर्मित पंचायत भवन का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसके बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि 43.29 लाख रुपये की लागत से निर्मित यह भवन स्थानीय शासन और विकासात्मक योजना के लिए केंद्र के रूप में काम करेगा। पठानिया ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में विशेष कार्य योजना के तहत शुरू की गई अधिकांश विकास परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और जंद्रोह से उद्घाटन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि वर्षा आपदा में अपने घर खो चुके लोगों को वनभूमि प्रदान करने के लिए वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से एफआरए प्रावधानों में संशोधन करने का बार-बार आग्रह किया है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। विधानसभा अध्यक्ष ने भटियात में चल रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि सभी दूरस्थ और अंतिम छोर के गाँवों में सड़क संपर्क, निर्बाध पेयजल और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चक्की और रखेड़ गाँवों के निवासियों की सुविधा के लिए एक नए संपर्क मार्ग का निर्माण जल्द ही शुरू होगा।
पठानिया ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में ग्रामीण संपर्क को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 12 नई सड़क परियोजनाओं को मंजूरी के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि नाग बिंतरू मंदिर तक 9 किलोमीटर लंबी संपर्क सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है और नवंबर के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन किया जाएगा।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर एक विशेष विकास योजना की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करना सतत विकास के लिए आवश्यक है।

