अब तक राज्य के भीतर और बाहर 1.57 करोड़ से ज़्यादा सेब की पेटियाँ बाज़ार में पहुँच चुकी हैं। अगर अत्यधिक बारिश के कारण सेब बेल्ट के विभिन्न हिस्सों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध या बह न गए होते, तो बाज़ार में पहुँची पेटियों की संख्या और भी ज़्यादा होती। हालाँकि सड़कें अवरुद्ध हैं, फिर भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 45 लाख ज़्यादा सेब की पेटियाँ बाज़ार में पहुँच चुकी हैं। पिछले साल 11 सितंबर तक 1.13 करोड़ पेटियाँ बाज़ार में पहुँच चुकी थीं।
पिछले साल की तुलना में बाज़ार में आई पेटियों में यह महत्वपूर्ण अंतर राज्य के निचले सेब क्षेत्रों में हुए उच्च उत्पादन के कारण है। इस साल 20 अगस्त तक 88 लाख से ज़्यादा पेटियों का विपणन किया जा चुका था। पिछले साल इसी अवधि में केवल लगभग 32.6 लाख पेटियों का ही विपणन किया गया था। इससे पता चलता है कि इस साल निचले क्षेत्रों में उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग तीन गुना ज़्यादा रहा। निचले क्षेत्रों में कटाई आमतौर पर 15 अगस्त तक समाप्त हो जाती है।
इस बीच, सेब उत्पादक क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में खोले गए 227 संग्रहण केंद्रों के माध्यम से अब तक बाज़ार हस्तक्षेप योजना के तहत 43,930 मीट्रिक टन सेब खरीदा जा चुका है। अब तक एमआईएस के माध्यम से खरीदा गया सेब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में काफ़ी ज़्यादा है, जब केवल 15,000 मीट्रिक टन से थोड़ा ज़्यादा सेब खरीदा गया था। इस वर्ष तोड़े गए सेबों की ख़रीद में इतनी तेज़ी के पीछे भारी ओलावृष्टि और समय से पहले पत्तियों का गिरना प्रमुख कारण हैं।