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हिमाचल प्रदेश : मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र नदियों में हजारों ने लगाई डुबकी

Himachal Pradesh: Thousands took a dip in the holy rivers on the occasion of Makar Sankranti.

शिमला, 14 जनवरी । देश के अलग-अलग राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस बीच रविवार को पूरे हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों ने सूर्य देवता के पर्व मकर संक्रांति के मौके पर नदियों में पवित्र डुबकी लगाई।

अधिकारियों ने बताया कि सुबह से ही राज्य की राजधानी शिमला से 55 किलोमीटर दूर तत्तापानी और कुल्लू जिले में सिखों के धार्मिक स्थल मणिकरण में सतलुज और पार्वती नदियों में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हुए। तत्तापानी और मणिकरण उच्च सल्फर सांद्रता वाले गर्म पानी के झरनों के लिए जाने जाते हैं।

अवसरों को चिह्नित करने के लिए सामुदायिक रसोई का आयोजन आम बात है। प्राकृतिक और प्रमुख गर्म झरने, जो तत्तापानी में सतलुज के किनारे नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा निष्पादित 800 मेगावाट कोल्डम जलविद्युत परियोजना के निर्माण के बाद गायब हो गया थे, उन्हें बहाल कर दिया गया है।

भक्तों ने लोकप्रिय पर्यटन स्थल मनाली के बाहरी इलाके में स्थित वशिष्ठ मंदिर का भी दौरा किया। यह मंदिर ब्यास नदी के बाएं किनारे पर स्थित है, जो अपने गर्म झरनों के लिए भी जाना जाता है।

शिमला स्थित दुर्गा देवी बिहारी लाल ब्रोचन लाल चैरिटेबल ट्रस्ट 95 वर्षों से तत्तापानी में मकर संक्रांति पर पारंपरिक ‘खिचड़ी भंडारा’ आयोजित कर रहा है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष रमेश चंद सूद ने कहा कि इस बार करीब 5,000 विजिटर्स को परोसने के लिए 500 किलोग्राम ‘खिचड़ी’ पकाई गई।

वहीं साल 2020 में मकर संक्रांति के पर्व पर राज्य के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग और ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से एक ही बर्तन में 1,995 किलोग्राम ‘खिचड़ी’ तैयार की गई थी। इस रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।

मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। यह रात की तुलना में गर्म और लंबे दिनों की शुरुआत का भी प्रतीक है।

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