केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ समन्वय कर नई पर्यटन परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी, ताकि हिमाचल प्रदेश देश में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना सके। यह बात पर्यटन निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने आज विश्व पर्यटन दिवस पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके माध्यम से राज्य के हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका मिल रही है। उन्होंने कहा कि दूर-दूर से पर्यटक यहां के सुंदर दृश्यों का आनंद लेने आते हैं और राज्य के पर्यटन उद्योग का भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल दिखाई देता है।
बाली के अनुसार हिमाचल प्रदेश देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए सबसे सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन सूचना केंद्रों को और मजबूत किया जाएगा ताकि पर्यटकों को इन केंद्रों के माध्यम से त्वरित और प्रासंगिक जानकारी मिल सके।
खचाखच भरे सभागार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए आरएस बाली ने कहा कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पालमपुर के मांझा में वेडिंग रिजॉर्ट, हेलीपोर्ट निर्माण, धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर, ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट और नगरोटा बगवां में अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजिक फाउंटेन, प्रागपुर में गोल्फ कोर्स, धर्मशाला में धौलाधार जैव विविधता पार्क जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार साहसिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है तथा भविष्य में प्रतिवर्ष पांच करोड़ पर्यटकों के स्वागत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने पर्यटन सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया, जबकि विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
इससे पहले, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति सत प्रकाश बंसल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का पर्यटन विभाग पर्यटन में स्वरोजगार के लिए 10 गांवों का चयन करेगा। चयनित गांवों के युवाओं को पर्यटन पर लघु अवधि के पाठ्यक्रम करवाए जाएंगे ताकि वे अपने-अपने क्षेत्र में पर्यटन में स्वरोजगार शुरू कर सकें।