हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में मुफ्त और रियायती यात्रा का लाभ उठाने वाले सभी श्रेणियों के लोगों को अब तीन महीने के भीतर निगम से पहचान पत्र (आईडी) बनवाना होगा। मंत्रिमंडल ने आज इस संबंध में एचआरटीसी के निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह निर्णय एचआरटीसी द्वारा प्रदान की जा रही मुफ्त यात्रा सुविधा का दुरुपयोग न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, क्योंकि एचआरटीसी को इस सुविधा के कारण घाटा हो रहा है। मुफ्त या रियायती यात्रा सुविधा को सुव्यवस्थित और निगरानी में रखने के लिए, एचआरटीसी पात्र लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति कार्ड के हिसाब से हिम बस कार्ड जारी करेगा।
मंत्रिमंडल ने तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित एक उप-समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी देने का निर्णय लिया, जिसका उद्देश्य अप्रयुक्त खाली सरकारी भवनों के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में सुझाव देना था। समिति ने सिफारिश की थी कि विभिन्न विभागों के सभी खाली सरकारी भवनों का चरणबद्ध तरीके से उपयोग किया जा सकता है। समिति ने सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों को कार्यालय स्थापित करने के लिए आवश्यक स्थान उपलब्ध कराने हेतु एक नोडल एजेंसी नियुक्त करने की भी सिफारिश की।
मंत्रिमंडल ने अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों के नियमितीकरण हेतु एकमुश्त विरासत नीति को मंज़ूरी दे दी है। इस नीति के तहत, मालिक लागू एकमुश्त कर और देय जुर्माने का 50 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करके अपने वाहनों का पंजीकरण करा सकते हैं। यह नीति अधिसूचना की तिथि से तीन महीने तक प्रभावी रहेगी। अनुमान के अनुसार, राज्य में 2,795 डिफॉल्टर वाहन हैं जिन्हें इस पहल का लाभ मिल सकता है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2025 के दूसरे चरण को 1 सितंबर से तीन महीने के लिए शुरू करने का भी निर्णय लिया। इस निर्णय का उद्देश्य लगभग 30,000 लंबित मामलों का समाधान करना है। इस योजना में वित्तीय वर्ष 2020-21 तक पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य मूल्य वर्धित कर (वैट) से संबंधित मामले भी शामिल होंगे।