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हिमाचल: टास्क फोर्स ने एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने के प्रयासों की समीक्षा की

Himachal: Task force reviews efforts to reduce single-use plastic

शिमला, 25 मई सरकार ने आज सभी उपायुक्तों को एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने की पहल की प्रगति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रबंधन पर चर्चा के लिए राज्य स्तरीय विशेष टास्क फोर्स की चौथी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, “हमने पंजीकृत कूड़ा बीनने वालों और व्यक्तिगत घरों के माध्यम से गैर-पुनर्चक्रणीय और एकल उपयोग प्लास्टिक कचरे के लिए 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाय बैक पॉलिसी लागू की है।”

उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत सभी प्रकार के पैकेजिंग प्लास्टिक कचरे, जिसमें कन्फेक्शनरी आइटम और साफ व सूखी पैकेजिंग तथा तरल पदार्थ जैसे दूध, तेल, शैम्पू आदि के पाउच/पैकेट शामिल हैं, खरीदे जा रहे हैं।

सक्सेना ने प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डाला और बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, विशेष रूप से प्लास्टिक अपशिष्ट पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरण के अनुकूल और वैज्ञानिक रूप से सही विकल्पों की आवश्यकता पर बल मिलता है। उन्होंने कहा कि कड़े कदम उठाए गए और स्टॉकिस्टों, व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं और विक्रेताओं को गैर-बायोडिग्रेडेबल कैरी बैग का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया।

सक्सेना ने कहा कि प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए कई पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी स्थानीय निकायों की भागीदारी से राज्य ने प्लास्टिक के प्रबंधन में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशक डीसी राणा ने बताया कि बाय बैक पॉलिसी के तहत करीब 1300 टन प्लास्टिक एकत्र किया गया है, जिसका इस्तेमाल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा सड़कों के निर्माण और राज्य में सीमेंट फैक्ट्रियों में किया गया है। पीडब्ल्यूडी के लिए इस प्लास्टिक का इस्तेमाल कर 200 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पूरे राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में जागरूकता गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं।

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