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हिमाचल की मीना चंदेल को ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड 2025’ सम्मान, विदेशी फूलों की खेती कर रचा इतिहास

Himachal's Meena Chandel honored with 'Innovative Farmer Award 2025', created history by cultivating foreign flowers

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर की मीना चंदेल को ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड 2025’ से सम्मानित किया गया है। मीना चंदेल भारत की पहली महिला किसान हैं, जिन्होंने अपने ग्रीन हाउस में डायंथस फूल की खेती कर एक नई मिसाल पेश की है। डायंथस एक विदेशी किस्म का फूल है, जिसे भारत में पहली बार मीना चंदेल ने अपने ग्रीन हाउस में सफलतापूर्वक उगाया और देशभर के किसानों को इस काम को करने के लिए प्रेरित किया।

मीना चंदेल को यह सम्मान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली में आयोजित कृषि विज्ञान मेला में दिया गया। हर साल कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में देशभर के उन किसानों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ नया और बेहतर कार्य किया है और उनकी सफलता ने अन्य किसानों को प्रेरित किया है।

मीना चंदेल ने साल 2018 में पहली बार जिप्सोफिला फूलों की खेती की शुरुआत की थी। 2020 में उन्होंने विदेश से जिप्सोफिला के पौधे मंगवाकर उन्हें सफलतापूर्वक उगाया और अब हिमाचल प्रदेश में हजारों किसान इन फूलों की खेती कर रहे हैं। इसके बाद, वर्ष 2021-22 में उन्होंने स्प्रे कनेक्शन की खेती भी शुरू की, जो सफल रही। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के कई किसान इन फूलों की खेती से अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं।

मीना चंदेल के मुताब‍िक हिमाचल प्रदेश की जलवायु फूलों की खेती के लिए बेहद उपयुक्त है। हालांकि, उनका कहना है कि हमें मार्केट की डिमांड, डेकोरेटर की पसंद और लोगों की चॉइस को ध्यान में रखते हुए फूलों की खेती करनी चाहिए। उनका हमेशा यही मानना रहा है कि नई चीजें करने की कोशिश करते हुए कई बार नुकसान भी होता है, लेकिन जितना बड़ा रिस्क होता है, प्रॉफिट भी उतना ही ज्यादा होता है।

मीना चंदेल की सफलता केवल कृषि क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हमारे देश के युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। उन्होंने अपने कठिन संघर्ष और नए प्रयासों से यह साबित किया है कि मेहनत और नई सोच से बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार किया जा सकता है।

मीना चंदेल को उनके अद्वितीय कार्य के लिए अब तक 4 राष्ट्रीय, 2 क्षेत्रीय और 4 राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके इस प्रयास ने न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि देशभर में किसानों के लिए एक नई दिशा भी प्रस्तुत की है।

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