अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की जम्मेदारी पहली बार पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में दे दी। इस ट्रेन में लोकोपायलट से लेकर कैटरिंग का जिम्मा महिलाओं ने उठाया।
मुंबई से चलने वाली ट्रेन संख्या 22223, जो सीएसएमटी से साईनगर शिरडी के लिए रवाना हुई, इस ट्रेन में लोको पायलट और सहायक लोको पायलट, ट्रेन प्रबंधक और टिकट परीक्षक, साथ ही ऑन-बोर्ड कैटरिंग स्टाफ सभी महिलाएं थीं। भारतीय रेलवे इस पहल से महिला शौर्य और साहस को सम्मानित करने के साथ रेलवे में महिलाओं की शक्ति और नेतृत्व को बढ़ावा दे रहा है।
पश्चिम रेलवे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए महिला शक्ति का वंदन किया। पश्चिम रेलवे के एक्स पोस्ट में कहा गया, “उनके हर कदम पर हम उनके साथ खड़े हैं, उनकी यात्रा और विकास का समर्थन करते हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, पश्चिम रेलवे सभी महिलाओं की शक्ति, उनकी दृढ़ता और उपलब्धियों को नमन करता है।”
बता दें कि हर साल 8 मार्च को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मान देने और उनकी सराहना करने का अवसर है। इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में योगदान के उत्सव के तौर पर देखा जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1909 में हुई थी, और इसे औपचारिक मान्यता 1975 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। इस बार का थीम ‘एक्सलरेट एक्शन’ है।
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