नई दिल्ली, 27 अगस्त। केंद्रीय गृह अमित शाह बुधवार को नए आपराधिक कानूनों और नागरिक सुधारों पर व्याख्यान देंगे। इसका शीर्षक “नए आपराधिक कानून – नागरिक केंद्रित सुधार” है।
नई दिल्ली में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 54वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे गृहमंत्री कार्यक्रम में अपना व्याख्यान देंगे। वह ब्यूरो द्वारा प्रकाशित ‘इंडियन पुलिस जर्नल’ के विशेष संस्करण का विमोचन भी करेंगे जो नए आपराधिक कानूनों पर है।
इस दौरान गृह मंत्री वर्ष 2023 और 2024 के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक विजेताओं को सम्मानित करेंगे।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो देश के पुलिस बलों को आवश्यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्मक संसाधनों से लैस कर रहा है। साथ ही ब्यूरो, पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए पुलिस बलों को स्मार्ट बनाने का काम कर रहा है।
पुलिसिंग में उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए ब्यूरो भारतीय पुलिस के थिंक टैंक के रूप में कार्य कर रहा है। इस संस्थान का काम पुलिस एवं सुधारात्मक सेवाओं के लिए नीतियां और कार्य प्रणालियां विकसित करना, प्रौद्योगिकियों की खोज करना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का क्षमता निर्माण और राज्यों तथा केन्द्रीय पुलिस संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है।
स्थापना समारोह में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, केन्द्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ गृह मंत्रालय एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून देश में लागू हो चुके हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा। ये कानून संसद ने बीते शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे। ये नए कानून भारत में ब्रिटिश राज से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट का स्थान ले चुके हैं। लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को पिछले साल 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था।