राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव सुषमा गुप्ता ने कहा है कि आज के तेजी से बदलते परिवेश में बच्चों का उचित पालन-पोषण, शिक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के पालन-पोषण में अधिक ध्यान दें और सहयोग करें। वे शुक्रवार को यहां डॉ. मंगल सेन ऑडिटोरियम में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं।
गुप्ता ने पुरस्कार विजेता बच्चों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बच्चों में नैतिक मूल्यों और आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डाला, तथा माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों की रुचियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा, “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और उन्हें जिम्मेदार और शिक्षित नागरिक बनने में मदद करना महत्वपूर्ण है।” गुप्ता ने कहा कि परिषद बाल कल्याण को बढ़ावा देने तथा बच्चों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निरंतर रचनात्मक कार्यक्रम चलाती है।
उन्होंने कहा कि परिषद की पहल के माध्यम से कई बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “देशभक्ति के गीत और स्कूल स्तर की गतिविधियाँ प्रेरणा का स्रोत हैं।” उन्होंने कहा कि 2024 में जिला, मंडल और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 25,000 से अधिक बच्चों ने भाग लिया था।
इनमें से 378 बच्चों – 104 लड़के और 274 लड़कियां – को समारोह में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में करनाल नगर निगम आयुक्त वैशाली शर्मा ने आज की दुनिया की प्रतिस्पर्धी प्रकृति पर प्रकाश डाला तथा अभिभावकों से बच्चों की रुचियों को पहचानने तथा उनका समर्थन करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “प्रत्येक बच्चा अद्वितीय और प्रतिभाशाली है – उन्हें बस सही प्रोत्साहन और अवसर की आवश्यकता है”, उन्होंने प्रतिभा-केंद्रित कार्यक्रम आयोजित करने में परिषद के निरंतर प्रयासों की सराहना की।
सिटी मजिस्ट्रेट मोनिका ने विजेता बच्चों को बधाई दी तथा उनके भविष्य में सफलता की कामना की। कार्यक्रम की शुरुआत में अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।