पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निजी स्कूलों की मनमानी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जो कथित तौर पर अभिभावकों से पैसे ऐंठने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि पूरे राज्य में अभिभावक शिकायत कर रहे हैं कि स्कूल कई तरह की अवैध फीस वसूल रहे हैं। वे अभिभावकों पर कुछ चुनिंदा दुकानों से ही किताबें खरीदने का दबाव भी डालते हैं। हुड्डा ने दावा किया कि दुकानदार अभिभावकों से छह गुना तक अधिक कीमत वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा, “अभिभावकों का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबें आमतौर पर 650 रुपये में आती हैं। लेकिन उनसे किताबों के लिए करीब 4,000 रुपये वसूले जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “नए स्कूल बनाने की बजाय मौजूदा स्कूलों को बंद किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पर अघोषित रोक है। भाजपा के पूरे 10 साल के कार्यकाल में एक भी जेबीटी भर्ती नहीं हुई। शिक्षा विभाग में करीब 50 हजार पद खाली पड़े हैं।
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