रामगढ़-भगवानपुर में अनिश्चितकालीन धरने का नेतृत्व कर रही अस्पताल बनाओ संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि वह राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित 200 बिस्तरों वाले अस्पताल को उनके गाँव के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने के किसी भी कदम का विरोध करेगी। संगठन ने यह भी घोषणा की है कि अब उनका आंदोलन आस-पास के गाँवों में भी फैलेगा और इस माँग का समर्थन करेगा।
समिति के प्रवक्ता तेज सिंह यादव ने कहा, “हम भी अस्पताल की जगह के बारे में राज्य सरकार के अंतिम फैसले का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। अगर यह परियोजना रामगढ़-भगवानपुर को आवंटित नहीं की गई, तो हम न केवल इसका विरोध करेंगे, बल्कि अपने विरोध को अगले स्तर तक ले जाएँगे।”
यह चेतावनी तब आई जब स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सोमवार को कहा कि अस्पताल की फाइल तैयार की जा रही है और अंतिम निर्णय होने के बाद विवरण साझा किए जाएँगे। इस टिप्पणी पर प्रदर्शनकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
यादव ने कहा, “हमारी ग्राम पंचायत पहले ही एक अन्य सरकारी परियोजना के लिए ज़मीन मुहैया करा चुकी है, इस शर्त पर कि यह अस्पताल हमारे गाँव में बनेगा। इस प्रतिबद्धता का सम्मान किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि बार-बार कोशिशों के बावजूद, सरकार में किसी ने भी उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।
समिति ने 20 सितंबर से मीरापुर और उसके बाद 21 सितंबर को बुदनी में समर्थक गांवों में धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है। यादव ने कहा कि मांग स्वीकार होने तक अन्य गांवों में भी इसी तरह के धरने जारी रहेंगे।
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