चंडीगढ़, 12 अप्रैल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल सिद्धू के गुरुवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के कुछ घंटों बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सरकार ने इस नौकरशाह का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेश इस बात की पुष्टि करेगा कि नौकरशाह को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।
मान ने एक्स पर एक पोस्ट में उनसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति की प्रक्रिया को समझने के लिए कहा।
उन्होंने परमपाल सिद्धू को चेतावनी भी दी कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, ऐसे में उनका किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होना उन्हें मुसीबत में डाल सकता है।
पिछले हफ्ते पंजाब कैडर की 2011 बैच की अधिकारी परमपाल सिद्धू ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। ऐसी अटकलें हैं कि उन्हें बठिंडा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल सकता है, जिसका प्रतिनिधित्व इस समय अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल की पत्नी और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल कर रही हैं