शैक्षणिक अनुसंधान, डिजिटल बुनियादी ढांचे और कौशल विकास में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने शिक्षा और अनुसंधान नेटवर्क (ईआरएनईटी) इंडिया, दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने की, जिन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से न केवल विश्वविद्यालय, बल्कि इससे संबद्ध महाविद्यालयों को भी लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा, “यह समझौता महज औपचारिकता नहीं रहेगा, बल्कि व्यवहार में लागू किया जाएगा, जिससे दोनों संस्थानों को ठोस लाभ होगा। एचपीयू में स्थापित पाँच नव-स्थापित अनुसंधान केंद्रों को भी इस सहयोग से अत्यधिक लाभ होगा।”
ईआरनेट इंडिया के महानिदेशक डॉ. संजीव बंजल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था, ईआरनेट इंडिया, अभिनव इंट्रानेट और इंटरनेट समाधानों के माध्यम से पूरे भारत में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को जोड़ रही है। उन्होंने कहा, “ईआरनेट इंडिया अनुसंधान और शिक्षा क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने के लिए नेटवर्क अवसंरचना सेवाएँ और कनेक्टिविटी प्रदान करता है।”
सहयोग पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. बंजल ने कहा, “एचपीयू इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण में गहराई से संलग्न है, जिसमें नेटवर्किंग, IoT, क्वांटम संचार, साइबर सुरक्षा, एआई और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्र शामिल हैं। यह समझौता ज्ञापन एचपीयू को ईआरएनईटी की सेवाओं – जैसे डोमेन पंजीकरण, कैंपस वाई-फाई और एडुरोम – का लाभ उठाने और स्वदेशी समाधानों के लिए संयुक्त रूप से प्रस्ताव विकसित करने में सक्षम बनाएगा। यह उन्नत सूचना प्रसार, साइबर सुरक्षा पहलों और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ स्नातकोत्तर स्तर की परियोजनाओं को भी सुगम बनाएगा।”