जीपीएस की मदद से पता चलेगा कि रूट पर चल रही बस कहां पहुंची है और कितनी देर में बस अड्डे पर पहुंचेगी। बसों के पहुंचने का वास्तविक समय बस अड्डों पर लगी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा ट्रेनों की तरह जल्द ही यात्री एचआरटीसी बसों की लोकेशन की जानकारी हासिल कर सकेंगे। परिवहन निगम ने अपनी बसों और बस अड्डों को पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीआईएस) से लैस करने की तैयारी शुरू कर दी है। परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। योजना के तहत सभी बसों को जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) से जोड़ा जाएगा। निगम मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।
जीपीएस की मदद से पता चलेगा कि रूट पर चल रही बस कहां पहुंची है और कितनी देर में बस अड्डे पर पहुंचेगी। बसों के पहुंचने का वास्तविक समय बस अड्डों पर लगी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही इसकी उद्घोषणा भी की जाएगी। निगम प्रबंधन ने 6 माह के भीतर यह सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से भी पैसेंजर इन्फाार्मेशन सिस्टम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
150 नई बीएस-6 बसें पैनिक बटन की सुविधा से लैस
एचआरटीसी की 150 नई बीएस-6 बसें पैनिक बटन की सुविधा से लैस हैं। पैनिक बटन से किसी भी आपात स्थिति से बचने में यात्रियों को सहायता मिलेगी। बटन दबाते ही इसकी सूचना नजदीकी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय, परिवहन विभाग के मुख्यालय और पुलिस को मिल जाएगी।पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम शुरू करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। इसके लिए दक्षिण भारत के कई शहरों का दौरा भी किया जाएगा। पीआईएस सुविधा शुरू होने के बाद यात्रियों को बस अड्डों पर बसों की लोकेशन की पूरी जानकारी मिल जाएगी।