अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले भक्तों की संख्या 20 दिनों में 3.31 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। बुधवार को भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 20 दिन में 3.31 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि आज सुबह जम्मू शहर से 2,837 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था 118 गाड़ियों के दो सुरक्षा घेरे में रवाना हुआ। 49 गाड़ियों का पहला काफिला, जिसमें 1,036 तीर्थयात्री थे, सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। 69 गाड़ियों का दूसरा काफिला, जिसमें 1,801 तीर्थयात्री पहलगाम बेस कैंप जा रहे थे, सुबह 3:58 बजे रवाना हुआ।
श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि सुरक्षा काफिले के साथ आने वालों की तुलना में सीधे बेस कैंप पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा है। ये श्रद्धालु वहां पहुंचकर ही पंजीकरण कराते हैं और फिर गुफा मंदिर की यात्रा शुरू करते हैं।
‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव की पवित्र छड़ी) का भूमि पूजन 10 जुलाई को पहलगाम में किया गया था।
‘छड़ी मुबारक’ को इसके एकमात्र संरक्षक महंत स्वामी दीपेन्द्र गिरि की अगुवाई में साधुओं के एक समूह ने श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन से पहलगाम ले जाया गया।
पहलगाम में ‘छड़ी मुबारक’ को सबसे पहले गौरी शंकर मंदिर ले जाया गया, जहां इसका भूमि पूजन किया गया। इसके बाद इसे वापस श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन में रख दिया गया। अब यह 4 अगस्त को श्रीनगर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुंचेगी। इसी के साथ अमरनाथ यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।
यह यात्रा व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत हो रही है, क्योंकि यह 22 अप्रैल के कायरतापूर्ण हमले के बाद हो रही है। उस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन मैदान में 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा तैनाती के अलावा सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। इसके साथ ही, सेना ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए इस साल 8,000 से ज़्यादा विशेष कमांडो भी तैनात किए हैं।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों बाद 9 अगस्त को खत्म होगी। यह दिन श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पर्व भी है।