N1Live National ‘इलेक्शन लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं की’, बिहार चुनाव में सीटों के ऐलान से पहले पवन सिंह ने खुद को बताया ‘सच्चा कार्यकर्ता’
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‘इलेक्शन लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं की’, बिहार चुनाव में सीटों के ऐलान से पहले पवन सिंह ने खुद को बताया ‘सच्चा कार्यकर्ता’

'I didn't join the party to contest elections', Pawan Singh calls himself a 'true worker' ahead of Bihar election seat announcement

भोजपुरी के बड़े सिंगर और एक्टर पवन सिंह अपने गानों और फिल्मों से तो सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन बीते काफी समय से वे अपने निजी विवाद और राजनीति को लेकर भी छाए हुए हैं।

सिंगर ने 30 सितंबर को भाजपा का दामन दोबारा थाम लिया था, लेकिन अब उनका कहना है कि उन्होंने चुनाव लड़ने की मंशा से पार्टी नहीं ज्वाइन की है, बल्कि वे पार्टी के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।

पवन सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट किया है और अपनी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की फोटो पोस्ट की है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूँ कि मैंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं की थी और न हीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।”

सिंगर के पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर मिलाजुला रिएक्शन मिल रहा है। कुछ यूजर्स का कहना है कि वे उनके साथ हैं और उनकी मंशा को अच्छे से जानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे ज्योति सिंह और चुनावी टिकट से जोड़ रहे हैं। यूजर्स कह रहे हैं कि अगर भाजपा से दोबारा टिकट नहीं मिला तो क्या करोगे?

यूजर्स का ये भी कहना है कि पत्नी से विवाद के चलते एक बार फिर पवन सिंह को टिकट नहीं मिलेगा।

भाजपा ने अभी तक बिहार चुनावों के लिए सीटों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन उससे पहले ही ज्योति सिंह को जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के साथ देखा गया। कहा जा रहा है कि सिंगर की पत्नी किशोर कुमार से चुनाव लड़ने के लिए टिकट लेने पहुंची थी, लेकिन ज्योति ने मीडिया के सामने आकर चुनाव की बात को नकार दिया है।

पवन सिंह ने जब भाजपा ज्वाइन की थी, तब कहा जा रहा था कि सिंगर को आरा जिले से टिकट मिल सकता है, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं है कि उन्हें भाजपा कहां से मैदान में उतारेगी। बता दें कि 2024 में भी पवन सिंह ने अपनी किस्मत आजमाने के लिए भाजपा का रुख किया था। उस वक्त उन्हें मनचाही सीट नहीं मिली थी, जिसके बाद उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया। हालांकि काराकाट सीट पर भाकपा माले के उम्मीदवार (महागठबंधन) राजा राम सिंह ने जीत हासिल की। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह दोनों को हराया।

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