December 16, 2025
Entertainment

‘रामायण’ में केवट वाला सीन शूट करते वक्त पैरों पर पड़ गए थे छाले,’ लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने किया खुलासा

“I got blisters on my feet while shooting the boatman scene in ‘Ramayana,’ reveals Sunil Lahiri, who played Laxman.

रामानंद सागर की ‘रामायण’ 80 के दशक से लेकर अभी तक दर्शकों के दिलों पर राज कर रही है। ‘रामायण’ सीरियल में भगवान श्रीराम बने अरुण गोविल और सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को आज भी दर्शक मां सीता और भगवान राम जितना सम्मान देते हैं।
‘रामायण’ में लक्ष्मण का किरदार सुनील लहरी ने निभाया और अपने भोले चेहरे और उग्र स्वभाव की वजह से घर-घर पसंद किए गए थे। अब उन्होंने शूटिंग के दिनों को याद कर उन सीन्स का जिक्र किया, जो बहुत कष्टदायक रहे थे।

‘रामायण’ में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वो ‘रामायण’ के केवट वाले सीन का जिक्र कर रहे हैं। सुनील लहरी ने बताया कि ‘रामायण’ की शूटिंग करना आसान नहीं था। अभिनेता ने केवट वाले सीन का जिक्र करते हुए बताया कि ये सीन करना सबके लिए बहुत कष्टदायक था। उन्होंने कहा, “शूटिंग के समय 50 डिग्री सेल्सियस तापमान था और केवट वाले सीन के दौरान सागर साहब चाहते थे कि भयंकर गर्मी में हम तपती हुई रेत में चलें। ये टास्क बहुत मुश्किल था और हमने अनुरोध किया था कि क्या हम खड़ाऊ पहन सकते हैं लेकिन सागर ने मना कर दिया। इस सीन को करने के बाद हमारे पांव में छाले पड़ गए, बड़े-बड़े फफोले हो गए थे, हम दर्द की वजह से नॉर्मल चप्पल-जूते भी नहीं पहन पा रहे थे, वो समय बहुत पीड़ा देने वाला था।

उन्होंने आगे कहा कि आपके प्यार और सम्मान ने ऐसी मलहम लगाई कि सारे दुख दूर हो गए। अपना प्यार और सम्मान ऐसे ही बनाए रखें। उन्होंने वीडियो को शेयर कर कैप्शन में लिखा, “रामायण की शूटिंग के कुछ हादसे काफी कष्टदायक रहे हैं। यह उनमें से एक है। कहावत है ना, बिना कष्ट के सुख नहीं मिलता।”

इससे पहले सुनील लहरी ने रामायण के अन्य सीन का जिक्र करते हुए बताया था कि उन्होंने पहले कभी पानी में लकड़ी के फट्टे को नहीं चलाया था। इसके लिए सबसे पहले हमने उस पर बैठकर ये जांचा कि ये हमारा वजन उठा पाएगा या नहीं। फिर 50 डिग्री के तापमान में नर्मदा नदी में शूटिंग हुई और सभी ने पूरे दिन 50-50 गिलास पानी पिया लेकिन बाथरूम तक नहीं जा पाए थे क्योंकि वहां जगह ही नहीं थी।

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