भोपाल, 3 दिसंबर । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में चार दशक पहले हुए गैस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हादसे की रात वह भी भोपाल में थे और अगले रोज हादसे की भयावहता को देखा भी था।
भोपाल गैस त्रादसी की 40वीं बरसी के मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमारे इस तरह के प्रयास हैं कि आगे ऐसी दुर्घटना दोबारा न घटे। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ था उस स्थान को लेकर भी सरकार गंभीर और ठोस पहल कर रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद भी इस पूरे घटनाक्रम के गवाह रहे हैं और उन्होंने इस हादसे की भयावहता को भी देखा है। इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “इस हादसे को हुए 40 साल हो गए हैं, जिस रात को यह हादसा हुआ था, उस समय मैं राजधानी के विधायक विश्रामगृह में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में हिस्सा लेने आया था। इस बैठक में परिषद के कई पदाधिकारी आए थे और वे विधायक विश्रामगृह में ही ठहरे थे। हादसे के अगले दिन उस स्थान पर भी गए थे, जहां गैस रिसाव का प्रभाव आया था। यह ऐसी त्रासदी थी जो जीवन में कभी पहले देखी ही नहीं थी, जैसी भोपाल और दुनिया ने यह त्रासदी देखी थी।”
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस रात हजारों लोग मौत की नींद सो गए थे और बड़ी संख्या पर इस जहरीली गैस ने अपना प्रभाव छोड़ा था। यह संयंत्र तो हादसे के बाद से बंद है। मगर, इसका दुष्प्रभाव अब भी लोगों की जिंदगी पर है। गैस की जद में आए लोग तो बीमारियों की गिरफ्त में हैं ही, साथ में जन्म ले रही पीढ़ी भी इससे बच नहीं पा रही है। इस हादसे की याद में राजधानी में 3 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
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