N1Live Entertainment मैंने ‘सिंडिकेट’ के साथ सिनेमा से जुड़े पापों को धोने की खाई है कसम : राम गोपाल वर्मा
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मैंने ‘सिंडिकेट’ के साथ सिनेमा से जुड़े पापों को धोने की खाई है कसम : राम गोपाल वर्मा

I have sworn to wash away the sins of cinema with 'Syndicate': Ram Gopal Varma

निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए अपनी अगली अपकमिंग फिल्म ‘सिंडिकेट’ की घोषणा की है। इसके साथ ही वर्मा ने फिल्म के कॉन्सेप्ट को भी समझाया।

एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा कर राम गोपाल वर्मा ने अपकमिंग फिल्म की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले कुछ सालों में किए गए सिनेमा से जुड़े अपने सभी पापों को ‘सिंडिकेट’ नाम की इस फिल्म के साथ धोने की कसम खाई है।

उन्होंने बताया कि इस फिल्म के कलाकारों और अन्य डिटेल्स के बारे में जल्द ही घोषणा करेंगे।

उन्होंने लिखा, ” ‘सत्या’ फिल्म पर अपने कबूलनामे के क्रम में, मैंने अब तक की सबसे बड़ी फिल्म बनाने का फैसला किया है। इस फिल्म का नाम ‘सिंडिकेट’ है। यह एक संगठन के बारे में है, जो भारत के अस्तित्व को ही खतरे में डालता है।”

राम गोपाल वर्मा ने अपनी अपकमिंग फिल्म के कॉन्सेप्ट को समझाते हुए बताया, “सत्तर के दशक तक पनपने वाले स्ट्रीट गैंग तब खत्म हो गए जब वे कट्टरपंथी राजनीतिक दलों में शामिल हो गए और बाद में जब इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना आदि की मांग के कारण तस्करों का उदय हुआ। आर्थिक सुधारों के कारण वे भी खत्म हो गए और फिर डी कंपनी जैसे घातक कॉरपोरेट गिरोह आए।”

उन्होंने आगे बताया, “भारत में पिछले 10 से 15 वर्षों से कोई उल्लेखनीय आपराधिक संगठन नहीं रहा है, लेकिन अभी देश में कई समूहों के बीच ध्रुवीकरण एक नए तरह के आपराधिक संगठन के उभरने के लिए उपयुक्त समय है। लेकिन अतीत के संगठनों के विपरीत, यह नया संगठन पुलिस एजेंसियों, राजनेताओं, अमीर व्यापारियों और सेना सहित विभिन्न समूहों से मिलकर बना है, जिससे यह एक सिंडिकेट बन गया है।

उन्होंने लिखा, “ ‘सिंडिकेट’ एक भविष्य की कहानी है, जो भविष्य में नहीं बल्कि कल या अगले सप्ताह भी हो सकने वाली घटनाओं पर आधारित है। उदाहरण के लिए पूरी दुनिया 11 सितंबर 2001 को अलकायदा के बारे में जानती थी, लेकिन 10 सितंबर को उसके अस्तित्व के बारे में नहीं जानती थी। सिंडिकेट की शुरुआत ‘केवल मनुष्य ही सबसे भयानक जानवर हो सकता है।‘ कथन के साथ होती है।”

“ ‘सिंडिकेट’ किसी भी अलौकिक तत्वों के कारण नहीं, बल्कि इसलिए एक डरावनी फिल्म होगी, क्योंकि यह भयावह रूप से उजागर करेगी कि मनुष्य क्या-क्या कर सकता है। यह फिल्म अपराध और आतंक पर गहराई से प्रकाश डालेगी, जो यह साबित करेगी कि भले ही हम जीतते रहें, लेकिन यह सच है कि अपराध और आतंक कभी खत्म नहीं होते। वे और भी घातक रूप में वापस आते रहते हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, “मैंने पिछले कुछ सालों में सिनेमा से जुड़े अपने सभी पापों को धोने की कसम खाई है, जिसे मैंने सिंडिकेट नामक इस एक ही फिल्म के साथ किया है। कलाकारों और अन्य विवरणों की घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।”

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