नई दिल्ली, 6 मई । एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा ने 2010 में अपने डेब्यू के बाद से ही कोशिश की है कि वह किसी खास तरह की भूमिका से बंधकर न रहें। उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपने अंदर नयापन लाने की कोशिश करती हैं और उनका लक्ष्य ऐसी एक्टर बनना है जिसे फिल्म निर्माता किसी भी तरह की भूमिका देने से परहेज न करें।
सोनाक्षी ने आईएएनएस को बताया, “एक एक्टर का काम हमेशा अलग-अलग चीजें करना और जो भी करते हैं उसमें अपने अंदर नयापन लाते रहना है। मुझे लगता है कि मैं भी यही कर रही हूं। मैं अपनी पहली सोलो फिल्म ‘अकीरा’ के समय से ही ऐसा कर रही हूं और मैं हमेशा यही करने की कोशिश करती हूं।”
एक्ट्रेस ने बताया कि वह हमेशा ऐसे रोल करना चाहती हैं जो एक-दूसरे से अलग हो ताकि वह “एक एक्टर के तौर पर अपनी रेंज दिखा सकें”।
उन्होंने कहा, “मैं ऐसी एक्टर बनना चाहती हूं जिसे फिल्म निर्माता किसी भी तरह की भूमिका में कास्ट कर सकें। उस समय से, मेरी यही कोशिश रही है और मुझे लगता है कि मैं इस मामले में काफी अच्छा कर रही हूं। मैंने कई अलग-अलग तरह की भूमिकाएं की हैं। मैंने स्क्रीन पर कई दमदार महिला पात्रों को निभाया है, और मैं ऐसा करके काफी खुश हूं।”
सोनाक्षी ने 2010 में सलमान खान के साथ ‘दबंग’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘राउडी राठौड़’, ‘सन ऑफ सरदार’, ‘वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा’, ‘आर… राजकुमार’, ‘बॉस’, ‘हॉलीडे : अ सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’, ‘मिशन मंगल’ और ‘कलंक’ जैसी कई फिल्में की हैं।
एक्ट्रेस ने हिंदी सिनेमा में अपने 14 साल को “अबतक का सबसे अच्छा सफर” करार दिया।
उन्होंने कहा, “मैंने हर तरह के फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है। मैंने हर तरह की फिल्में की हैं। एक तरह से जब भी मौका मिला है, मैंने चीजों के परखा है, और मुझे इसमें वाकई काफी मजा आया है।”
बीते जमाने के लोकप्रिय एक्टर और राजनेता शत्रुघन सिन्हा की बेटी सोनाक्षी ने कहा, “आज भी, जब मैं कोई भी प्रोजेक्ट शुरू करती हूं तो मैं इसे अपने पहले प्रोजेक्ट की तरह देखती हूं और मुझे लगता है कि इसीलिए मैं पूरे प्रोसेस में डूब जाती हूं।”
फैशन डिजाइन में डिग्री रखने वाली 36 वर्षीय एक्ट्रेस ने कहा कि पहले वह फिल्मों में नहीं आना चाहती थीं।