December 1, 2025
Entertainment

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के बाद मजबूरी में गलत रोल के लिए ‘हां’ कह दिया था : ऋचा चड्ढा

I was forced to say yes to the wrong role after ‘Gangs of Wasseypur’: Richa Chadha

अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने हाल ही में 15वें इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट (आईएफपी) में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वहां पर अपने संघर्षों को बेबाकी से शेयर किया।

अभिनेत्री ने कहा कि मनोरंजन जगत में सफलता का रास्ता कभी सीधा नहीं होता है और कई बार मजबूरी में गलत फैसले भी लेने पड़ते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि अगर रोल अच्छे होते हैं, तो पैसे कम मिलते हैं, तो कभी रोल अच्छा है, लेकिन पैसे सही नहीं दे रहें और कभी पसंदीदा डायरेक्टर के यहां रोल मिल जाता है, तो वहां भी रुपए कम या मिल ही नहीं रहे, लेकिन आपको लगता है, यार इनके साथ तो काम करना बनता है।”

ऋचा ने आगे कहा कि वे एक स्टारकिड नहीं हैं, शायद इसलिए सही मौका मिलना थोड़ा मुश्किल था। उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के बाद का किस्सा सुनाते हुए कहा, “यह साल 2011-12 की बात है। जब मैंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की थी, तो उस दौरान मैं बहुत परेशान चल रही थी, तो एक डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि तुमने एक बूढ़ी औरत का रोल किया है, कोई तुम्हें कास्ट नहीं करेगा, इसलिए ये करो। इसमें बिकिनी पहननी होगी, ये करना होगा, वो करना होगा। मैंने मजबूरी में ‘हां’ कह दिया। ये उन डबल-मीनिंग जोक वाली फिल्मों में से थी। मैं फिल्म का नाम नहीं लेना चाहती।”

अभिनेत्री ने बताया कि इस किरदार के लिए उन्होंने डायरेक्टर से एडवांस में पैसे ले लिए थे, लेकिन बाद में किसी ने उन्हें समझाया कि वासेपुर के बाद इस तरह के रोल उनके लिए ठीक नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे भी रोल कुछ समझ में नहीं आ रहा था, तो मैंने इसके लिए मना कर दिया और उनके रुपए भी वापस कर दिए थे। उस दिन मुझे समझ में आया कि ‘ना’ कहने की ताकत कितनी बड़ी होती है। अगर वो फिल्म कर लेती तो शायद आज मैं यहां नहीं होती।”

अभिनेत्री ने संजय लीला भंसाली की तारीफ करते हुए कहा, “वो मुझे सबसे मजेदार और दमदार निर्देशक लगते हैं, उनकी फिल्मों के फ्रेम बहुत खूबसूरत होते हैं।”

ऋचा ने बताया कि अगर आप फिल्म जगत में सबको बराबर मौका देते हैं और काबिलियत होती है, तो वह आखिर में जरूर रंग लाती है।

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