N1Live National मैं किसानों के साथ कल भी था और आगे भी रहूंगा : बजरंग पुनिया
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मैं किसानों के साथ कल भी था और आगे भी रहूंगा : बजरंग पुनिया

I was with the farmers yesterday also and will remain so in future also: Bajrang Punia

सोनीपत, 5 दिसंबर । भारतीय पहलवान और कांग्रेस नेता बजरंग पुनिया ने किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान पर गुरुवार को कहा कि वह किसानों के साथ कल भी थे, और आगे भी रहेंगे।

बजरंग पुनिया ने कहा, “यह दुख की बात है कि जब हमारे किसान भाई आंदोलन कर रहे थे, तब उनकी शहादत भी हुई और अब भी आंदोलन जारी है। किसानों को शांतिपूर्वक अपनी मांगें रखने का अधिकार है, लेकिन उनके रास्ते में रुकावटें डाली जा रही हैं।”

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों में किसान भाई अपनी आवाज उठाने के लिए शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे थे, लेकिन उन्हें रास्ते में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। पत्थर, बैरीकेड्स, आंसू गैस, और गोलियां तक चलाई गईं, जिससे एक किसान शहीद भी हो गया। यह देखकर दुख होता है, क्योंकि हमारा देश कृषि प्रधान है और किसान ही हमारे अन्नदाता हैं।”

उन्होंने कहा, “हमारे उपराष्ट्रपति ने भी यह सवाल उठाया कि अगर सरकार ने लिखित में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया था, तो अब तक किसानों को वह क्यों नहीं दिया गया? उनके इस बयान का स्वागत किया गया, क्योंकि वह किसानों की आवाज उठाने के लिए आगे आए। किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें अपनी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, ताकि वे अपनी जिंदगी बेहतर बना सकें। यह कोई बड़ी मांग नहीं है; हर व्यक्ति को उसके मेहनत का उचित मूल्य मिलना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी किसानों का समर्थन किया था। और आगे भी करता रहूंगा। मैं खुद किसान का बेटा हूं। पहले भी उनका समर्थन किया है और हमेशा किसानों के साथ खड़ा रहूंगा। चाहे वह शंभू बॉर्डर पर आंदोलन हो या किसी और जगह, मेरा समर्थन किसानों के साथ है।”

उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों ने जो आंदोलन किया था, वह उनके अधिकारों के लिए था, और राजनीति से परे था। हमें यह समझना चाहिए कि राजनीति अपने दम पर की जाती है, न कि किसी और का नाम लेकर।”

संभल जाने के क्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को रोके जाने पर बजरंग पुनिया ने कहा कि यह दुख की बात है कि उन्हें संभल जाने के दौरान रोक दिया गया। वह इस हिंसा में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों से मिलने जा रहे थे। लेकिन, उन्हें रोक दिया गया। राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, तो उन्हें पूरा अधिकार है कि वह वहां जाकर हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलें।

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