January 24, 2025
National

मैं शिवमोग्गा से निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा : ईश्वरप्पा

I will contest as an independent candidate from Shivamogga and win: Eshwarappa

बेंगलुरू, 4 अप्रैल । कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

दिल्ली में वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे, लेकिन नहीं मिल पाए। ईश्वरप्पा ने बुधवार को बेंगलुरु लौटने के बाद गुरुवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगवान राम मेरे दिल में हैं।”

ईश्वरप्पा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें दिल्ली मिलने के लिए बुलाया था। ईश्वरप्पा ने कहा, “मैंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का फैसला किया। अगर मैं ऐसा नहीं करता तो मेरा घमंड होता। दिल्ली की यात्रा से मुझे महसूस हुआ कि ईश्वर मेरे साथ हैं।”

ईश्वरप्पा ने कहा, “अमित शाह मुझसे नहीं मिले। उनके कार्यालय के लोगों ने मुझे बताया कि गृह मंत्री अभी उपलब्ध नहीं हैं। इससे मुझे यह संकेत मिला कि अब मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए।”

ईश्वरप्पा ने दावा किया, “अगर अमित शाह ने मुझे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव ना लड़ने के लिए कहा होता, तो मैं नाम वापस लेने के लिए मजबूर हो जाता। उन्होंने अन्य नेताओं से मेरी उम्मीदवारी और मेरे द्वारा उनके सामने उठाए गए सवालों के बारे में बात की होगी। उन्हें यकीन हो गया होगा कि मेरा संघर्ष सही है।”

उन्होंने कहा कि मैं निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ूंगा। बीजेपी सभी 28 सीटों पर जीत का परचम लहराने जा रही है, सिर्फ शिवमोग्गा को छोड़कर। यहां मैं निर्दलीय चुनाव जीतूंगा।

उन्होंने कहा, “अगर, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपोर्ट नहीं करूंगा, तो मैं अपने आपको अयोग्य समझूंगा। शिवमोग्गा से चुनाव जीतने के बाद मैं इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित करूंगा।”

ईश्वरप्पा के बेटे के. कंठेश को चुनाव में टिकट नहीं मिलने की वजह से वो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से खफा हैं।

ईश्वरप्पा ने बीवाई विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी प्रमुख के पद से हटाने की भी कसम खाई है। विजयेंद्र और राघवेंद्र दोनों येदियुरप्पा के बेटे हैं।

ईश्वरप्पा राज्य में सबसे वरिष्ठ भाजपा नेता हैं, जिन्होंने येदियुरप्पा और दूसरे नेताओं के साथ मिलकर कर्नाटक में पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया।

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