शिमला, 20 नवंबर अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि आइसलैंड स्थित एक कंपनी नवीन भू-तापीय प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पायलट आधार पर किन्नौर जिले के टापरी में एक नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय सेब उत्पादकों को लाभ होगा।यहां जारी एक बयान में कहा गया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में राज्य सरकार और जियोट्रॉपी आइसलैंड के बीच एक समझौता हुआ।
बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता और जियोट्रॉपी आइसलैंड के अध्यक्ष थॉमस ओटोहानसन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए सीए स्टोर की भंडारण क्षमता 1,000 टन होगी और इसका निर्माण 8 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार परियोजना को साकार करने के लिए कंपनी को हर संभव सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि भूतापीय ऊर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है।
उन्होंने कहा, “पर्यावरण को संरक्षित करने के राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुरूप, भू-तापीय प्रौद्योगिकी को अपनाना कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में उपयोगी है। मुझे उम्मीद है कि पहला जियोथर्मल टेक्नोलॉजी आधारित सीए स्टोर एक साल में तैयार हो जाएगा।”
सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में सतलुज घाटी क्षेत्र में अतिरिक्त भूतापीय प्रौद्योगिकी आधारित सीए स्टोर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राज्य में बिजली उत्पादन के लिए इस नए जमाने की तकनीक का उपयोग करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया।
कंपनी के अध्यक्ष ने भंडारण सुविधा के लिए भू-तापीय प्रौद्योगिकी को नियोजित करने के लाभों को रेखांकित करते हुए परियोजना में अंतर्दृष्टि प्रदान की।