नई दिल्ली, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) ने देशभर के सात आईआईटी में ‘मेडटेक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए आईसीएमआर-डीएचआर-उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) शुरू किया है। आईसीएमआर-डीएचआर- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का अनावरण आईआईटी- बंबई, आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-गुवाहाटी, आईआईटी-हैदराबाद, आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-मद्रास में किया गया। इन केंद्रों को उनके संभावित तैनाती के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत और सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जरूरतों के साथ तालमेल में उत्पादों, प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए स्थापित किया गया है।
इस समय देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की चिकित्सा उपकरणों की जरूरतों के लिए आयात पर 80 प्रतिशत निर्भरता है।
आईसीएमआर-डीएचआर आईसीएमआर ने एक बयान में कहा, “क्लिनिकल परीक्षण, सत्यापन और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन (एचटीए) आयोजित करने में आईसीएमआर की ताकत के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रोटोटाइप विकास में अग्रणी होने के नाते आईआईटी देश में मेक-इन-इंडिया उत्पाद विकास में एक नया प्रतिमान स्थापित करेगा। आईआईटी के सीओई बदले में चिकित्सा संस्थानों के साथ सहयोग करेंगे, ताकि उन्हें व्यापक रूप से अपनाने के लिए जरूरत से प्रेरित, किफायती और समावेशी स्वास्थ्य समाधान विकसित किया जा सके।”
आईसीएमआर के महानिदेशक, डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, “आईआईटी में सीओई की स्थापना एक नया पारिस्थितिकी तंत्र संचालित दृष्टिकोण है, जो कम सेवा वाले समुदाय के लिए उच्च अंत स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को लाने के मिशन के साथ है।”
कउटफ-ऊफ ने महामारी विज्ञान की तैयारियों के लिए निदान और चिकित्सा तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएमए) योजना के तहत आईआईटी-दिल्ली में मेडिकल प्रोडक्ट गेटवे ऑफ इंडिया की स्थापना की है।
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