अयोध्या, 21 फरवरी । राम मंदिर निर्माण समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। बैठक के बाद समिति के सदस्य नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सप्त मंदिर के मूर्तियां जयपुर से मंगाई गई हैं और ये मूर्तियां 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच परकोटा के सप्त मंदिर में स्थापित की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से यह तय किया गया कि मूर्तियों की स्थापना के दौरान कोई तकनीकी कठिनाई न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ विस्तार से चर्चा की गई।
राम मंदिर में लाइटिंग व्यवस्था पर भी बात हुई। इस संबंध में नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर की लाइटिंग के लिए एक “रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल” भेजा गया था, जिसमें चार कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई। प्रस्तावित हाइब्रिड लाइटिंग मॉडल में प्रोजेक्टर और लाइनर लाइट का संयोजन होगा, जिससे छाया नहीं बनेगी और पूरी जगह सही तरीके से रोशन रहेगी।
उन्होंने बताया कि अब यह तय किया गया है कि हाइब्रिड मॉडल की पेशकश करने वाली कंपनियों को फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा। अगले 15 दिनों में इन कंपनियों से तकनीकी प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे और उनका मूल्यांकन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ विस्तार से चर्चा की गई ताकि मूर्तियों की मूवमेंट में कोई कठिनाई न हो। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने स्थानीय समस्याओं पर भी चर्चा की और लोगों के आने-जाने की समीक्षा की। कल आईजी की उपस्थिति में भी बैठक हुई थी, जहां चंपत राय जी ने कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रूप से यह तय किया गया है कि मूर्तियों के ऊपर लाइटिंग के लिए प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। चार कंपनियों ने इस काम में रुचि दिखाई है।
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