ज़िला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत गतिविधियाँ 25 अगस्त से शुरू होकर 8 सितंबर तक चलेंगी। जालंधर के सिविल सर्जन (सीएस) डॉ. गुरमीत लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।
उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान लोगों को नेत्रदान सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इच्छुक लोगों के लिए ये फॉर्म सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध हैं। इसी उद्देश्य से आज एक जागरूकता पैम्फलेट का विमोचन किया गया।
डॉ. लाल ने कहा कि भारत में लाखों लोग अंधे हैं और उनमें से अधिकांश को दान की गई आंखों के माध्यम से दृष्टि मिल सकती है, लेकिन यह खेद की बात है कि हमारे देश में नेत्रदान करने वालों की संख्या बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि आँखें मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं और हर छह महीने में एक बार इनकी जाँच करवानी ज़रूरी है। उन्होंने ज़िले के निवासियों से नेत्रदान अभियान में आगे आकर योगदान देने और अपने परिजनों व दोस्तों को भी इस नेक काम के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। गौरतलब है कि पंजाब भर के सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त आईरिस रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है।
नेत्र मोबाइल इकाई की एसएमओ डॉ. गुरप्रीत कौर ने बताया कि कॉर्नियल ब्लाइंडनेस का इलाज आसान है और बस कॉर्निया बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उसकी आँखों का उपयोग सुरक्षित शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के माध्यम से दृष्टिहीनों को दृष्टि प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
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