भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) ऊना ने गुरुवार को “साइबर सुरक्षा और भारत में इसका भविष्य” विषय पर एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया। इस सत्र का उद्देश्य उन्नत साइबर सुरक्षा प्रतिमानों, हाल ही में सुरक्षा उल्लंघनों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचों को लक्षित करने वाले उभरते खतरों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
आईआईआईटी ऊना के निदेशक प्रोफेसर मनीष गौर ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सत्र में अत्याधुनिक सुरक्षा अनुसंधान और कार्यान्वयन में लगे संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा और साइबर रक्षा के लिए राष्ट्रीय अंतःविषय केंद्र के संस्थापक प्रोफेसर संदीप शुक्ला और आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा की चेयर प्रोफेसर प्रोफेसर रितु बत्रा ने प्रतिभागियों के साथ वर्चुअल रूप से बातचीत की और अपनी विशेषज्ञता साझा की।
प्रोफेसर गौर ने इस बात पर जोर दिया कि साइबर सुरक्षा साइबर स्पेस में महत्वपूर्ण डेटा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह सुनिश्चित करती है कि हैकर्स को दूर रखा जाए और संवेदनशील जानकारी तक अनधिकृत पहुंच को रोका जाए। सत्र की एक प्रमुख विशेषता भारत के साइबर सुरक्षा परिदृश्य, जोखिम मूल्यांकन उपकरणों और मजबूत उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता के उभरते प्रक्षेपवक्र पर एक पैनल चर्चा थी।