N1Live National सीएम हाउस बनाने में हुआ अवैध कब्जा, खर्च किए गए 171 करोड़ रुपये : कांग्रेस
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सीएम हाउस बनाने में हुआ अवैध कब्जा, खर्च किए गए 171 करोड़ रुपये : कांग्रेस

Illegal encroachment took place in building CM House, Rs 171 crore spent: Congress

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर । कांग्रेस ने रविवार को कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक आवास बनाने में अवैध कब्जा हुआ और 171 करोड़ रुपये खर्च हुए। पार्टी ने इसकी जांच की मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस ने दिल्ली के उपराज्यपाल से संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मामले को देखने का अनुरोध किया है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा 6 फ्लैग स्टॉफ रोड स्थित “शीश महल” (मुख्यमंत्री आवास) को बनाने में 45 करोड़ की जगह 171 करोड़ रुपये बिना मंजूरी खर्च करने और इससे सटे 47 राजपुर रोड स्थित दो बंगलों को अवैध रूप से मिलाने का अजय माकन ने खुलासा किया था।

यादव ने सवाल किया कि इस पर भाजपा चुप क्यों थी। उपराज्यपाल को लिखित में शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई न करना पूरी तरह दिल्ली की जनता को धोखा देना है।

उन्होंने भाजपा की हालिया सक्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए यह किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सुविधाओं को नकारने की दुहाई देने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपने लिए आठ एकड़ में आलीशान शीशमहल खड़ा कर दिया जबकि उन्हें मालूम था कि एक दिन उन्हें यह खाली करना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी लगातार मांग करती रही है कि शीश महल के तैयार होने में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा जनता के सामने आना चाहिए। एलजी संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करके मामले को देखें। शीश महल तैयार करने में काटे गए पेड़ों के बदले नियमानुसार 19,700 पेड़ लगाने थे और इसमें एनजीटी के नियमों की अवहेलना हुई है।”

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस स्थित ’शीश महल’ पर डबल लॉक लगने के बाद कालका जी स्थित अपने घर में पैक डिब्बों के बीच आधिकारिक फाइलों के साथ तस्वीरें दिखाकर खोखले प्रचार की इवेंट रची। यह आप पार्टी की परंपरा बन चुकी है। बिना आवंटन शीश महल पर कब्जा गैर-कानूनी था, यह आतिशी भी जानती थीं। आतिशी 17-एबी, मथुरा रोड पर आवंटित आधिकारिक बंगले का दुरुपयोग करने की दोषी हैं। जो बंगला उन्हें डेढ़ साल पहले मंत्री बनने पर अलॉट हुआ था, उसमें क्यों नहीं रहीं। इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी जनता से सहानुभूति प्राप्त करने में पूरी तरह विफल रही है।

देवेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ऐशो-आराम के आदी बन चुके हैं। इसलिए आतिशी चार महीने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री आवास में रहने की जिद करती हैं और केजरीवाल और सिसोदिया अपने सांसदों के बंगले में रहने जाते हैं। अपनी अनैतिकता को नैतिक मानने वाले केजरीवाल ने सीएम आवास को बनाने और उसके छोड़ने में पूरी तरह से कानून का उल्लंघन किया। किसी भी तरह मानदंडों का पालन नहीं किया। आतिशी बिना आवंटन सीएम हाउस में गईं।

इसके अलावा देवेंद्र यादव ने यह भी कहा कि दिल्ली में 11 लाख राशन कार्ड के लिए आवेदन किया गया था लेकिन दिल्ली वासियों को राशन कार्ड जारी नहीं किए गए।

उन्होंने इस विषय को एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। उपराज्यपाल को इस संदर्भ में निर्देश देना चाहिए। पिछले 10 साल से भी अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लगभग 11 लाख राशन कार्ड के आवेदन हैं, लेकिन राशन कार्ड क्यों नहीं बनाए गए। उन्होंने कहा कि 90,000 गरीबों को राशन कार्ड नहीं दिए जाने के मामले की जांच के आदेश गरीबों के हित में है।

उन्होंने कहा कि फूड सप्लाई इंस्पेक्टर, फूड सप्लाई ऑफिसर, स्तर पर वैध पाए गए 11 लाख राशन कार्ड न बनाए जाने की जांच के आदेश देने चाहिए। कांग्रेस शासन में 2013-14 में राशन कार्ड की संख्या 34.55 लाख थी, जो आज मात्र 17.83 लाख रह गई है। साल 2013-14 में राशन दुकानों की संख्या 2,396 थी, जो मात्र 1,976 है। पिछले 11 साल में 420 दुकानें बंद क्यों की गईं। हम उपराज्यपाल से मांग करते हैं कि 90 हजार गरीबों के राशन कार्ड नहीं देने के साथ ही पिछले 10 साल में लगभग 11 लाख आवेदन लंबित क्यों रहे, इसकी जांच के आदेश भी दिए जाएं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट से समाज के सबसे निचले वर्ग के साथ निम्न और मध्यम वर्ग तक राशन देने की जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की है। इसमें सरकार पूरी असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली के गरीब लोगों जैसे भूमिहीन, कृषि श्रमिक, सीमांत किसान, शिल्पकार, बुनकर, लुहार, झुग्गीवासी, दिहाड़ी मजदूर, कूड़ा संग्रहण करने वाले, ट्राइबल, कुम्हार, मोची, कुली, विधवा, दिव्यांगजन, आश्रयहीन जैसे समाज के धरातल रहने वाले लोगों की बात करके सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है। यह वंचित वर्ग जानता है कि भाजपा ने कभी उनके उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। पिछले 11 साल में आम आदमी पार्टी ने इनको वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है।

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