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इल्तिजा मुफ्ती की भाषा बहुत गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक : रविंदर रैना

Iltija Mufti's language is very irresponsible and insulting: Ravinder Raina

जम्मू, 8 दिसंबर । पीडीपी नेता महबूबी मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने शनिवार को एक एक्स पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए हिंदुत्व को “बीमारी” बताया था। जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक बताया है।

रविंदर रैना ने रविवार को आईएएनएस से कहा, “इल्तिजा मुफ्ती ने जिस भाषा का प्रयोग अपने एक्स पोस्ट में किया है, वह बेहद गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक है। उन्होंने एक वीडियो को रीपोस्ट करते हुए जो टिप्पणी की, उसमें कई अपमानजनक चीजें थीं। राजनीति में विचारों में भिन्नता हो सकती है, लेकिन गाली-गलौज की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए, चाहे उनकी राय कुछ भी हो। मुझे लगता है कि इल्तिजा मुफ्ती को अपनी इस भाषा के लिए खेद व्यक्त करना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।”

इल्तिजा मुफ्ती ने शनिवार को एक एक्स पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए कहा था, “भगवान राम को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए और असहाय होकर देखना चाहिए कि कैसे नाबालिग मुस्लिम लड़कों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने उनका नाम लेने से मना कर दिया। हिंदुत्व एक ऐसी बीमारी है जिसने लाखों भारतीयों को ग्रसित कर रखा है और भगवान के नाम को कलंकित कर दिया है।”

इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार के जल-शक्ति मंत्री जावेद राणा के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें राणा ने आईएएनएस से बात करते हुए राज्य के रोहिंग्याओं को बिजली-पानी देना अपना कर्तव्य बताया था।

रैना ने कहा, “रोहिंग्या म्यांमार के रहने वाले हैं। अब उनके देश में स्थिति पहले से बेहतर हो रही है और बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों में रोहिंग्याओं को वापस अपने देश लौटने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुझे लगता है कि भारत में भी ऐसी ही एक नीति बननी चाहिए। विशेषकर जम्मू-कश्मीर में, जहां स्थिति पहले से ही तनावपूर्ण है और आतंकवादी ताकतें गरीबों का फायदा उठाकर देश में अशांति फैलाने की कोशिश करती हैं।”

उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि रोहिंग्याओं को सम्मान के साथ उनके अपने देश वापस भेजा जाए, ताकि वे अपने समुदाय, भाषा और संस्कृति के बीच रह सकें, जहां उनका घर-परिवार और संपत्ति है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी जिंदगी वहां शांति से जी सकें।”

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