लाहौर, पाकिस्तान में पंजाब के एंटी-करप्शन इस्टैब्लिशमेंट (एसीई) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान, उनकी बहन उजमा खान और उनके पति अहद मजीद को लय्याह भूमि भ्रष्टाचार मामले में तलब किया है। प्रवक्ता द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख को 19 जून को एसीई मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है, जबकि उजमा और उनके पति को एसीई महानिदेशक के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले एसीई ने इमरान को 16 जून को तलब किया था लेकिन वह पेश नहीं हो सके थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा कि एसीई के पास लय्याह भ्रष्टाचार घोटाले में इमरान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत थे। उन्होंने आगे कहा कि इस्लामाबाद में इमरान के आवास बानी गाला के राजस्व अधिकारियों पर जमीन के अवैध हस्तांतरण के लिए दबाव डाला गया था।
उजमा पर लय्याह जिले में 5,261-कनाल जमीन की खरीद में कथित धोखाधड़ी का आरोप है। जमीन की कथित तौर पर अरबों रुपये की कीमत है लेकिन इसे मात्र 130 मिलियन रुपये में खरीदा गया। एसीई ने कहा कि दंपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
प्रवक्ता के अनुसार, जमीन 2021-22 में धोखे से खरीदी गई थी। उन्होंने कहा कि उजमा और मजीद ने अपने नाम पर जमीन का फर्जी हस्तांतरण किया था।
उन्होंने कहा कि जमीन की मार्केट वैल्यू करीब छह अरब रुपये है। उन्होंने कहा कि खरीद तब की गई थी जब एडीबी ने ग्रेटर थल नहर परियोजना के लिए सहायता की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य थल नहर के माध्यम से बंजर भूमि की सिंचाई करना था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा कि उजमा को परियोजना के बारे में पहले से जानकारी थी, इसलिए दंपति ने जमींदार को इसे उन्हें बेचने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि जमीन मालिकों ने जबरन जमीन खरीदने के लिए उजमा और अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।