कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बुधवार को जमीयत-उलेमा-हिंद के प्रमुख मौलाना मदनी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी को जिहाद सिखाया जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, जिहाद एक ऐसा शब्द है, जिसे पढ़ाया जाना चाहिए। जिहाद मुल्क के लिए होता है। देश के ऊपर अगर संकट आए, तो जिहाद उसके लिए होता है। लोग जिहाद शब्द को पता नहीं कहां लेकर चले गए? पहले लोग जिहाद का मतलब तो समझ लें।
‘कांग्रेस पहले अपने मुद्दे उठा ले, फिर मुसलमानों के मुद्दे उठाए,’ मदनी के इस बयान पर इमरान मसूद ने कहा, “मुसलमानों का मुद्दा कौन उठा रहा है? हम ही उन्हें उठा रहे हैं। हमने वक्फ के मुद्दे पर सबसे ज़्यादा लड़ाई लड़ी है। वक्फ के लिए और कौन लड़ रहा है? हम ही तो लड़ रहे हैं।”
दरअसल, जमीयत-उलेमा-हिंद के प्रमुख मौलाना मदनी ने आईएएनएस को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान जिहाद को देश के लिए जरूरी बताया था और सभी को इसे सिखाने की बात कही थी। मदनी ने कहा था, “जिहाद मुल्क के लिए जरूरी है। मुल्क के लोगों को पता होना चाहिए कि जिहाद क्या होता है, कितनी तरह का होता है, किन हालात में होता है, कब किया जा सकता है, और कौन कर सकता है और कौन नहीं कर सकता है। देशवासियों को यह मालूम होना चाहिए कि जिहाद एक धार्मिक और पवित्र शब्दावली है। जिहाद को पढ़ाया जाना चाहिए। यह सारे धर्मों में मौजूद है और सभी को पढ़ाया जाना चाहिए।”
वहीं, मुसलमानों के लिए मुद्दा उठाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में मदनी ने कहा था कि किसी भी मेनस्ट्रीम पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह सिर्फ मुसलमानों के लिए लड़े और उनके लिए मुद्दे उठाए, तो मैं ऐसी उम्मीद नहीं करना चाहता हूं। वहीं, कांग्रेस अभी अपने ही मुद्दे नहीं उठा पा रही है, तो हमारे मुद्दे क्या उठाएगी?

