हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) के बैनर तले सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही, जिससे करनाल जिला सिविल अस्पताल में मरीजों, विशेषकर अल्ट्रासाउंड सेवाओं की आवश्यकता वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती रोकने और संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एसीपी) योजना को लागू करने की मांग को लेकर जिले के कुल 104 सरकारी डॉक्टर विरोध प्रदर्शन के तहत ड्यूटी पर नहीं आए। राज्य निकाय के आह्वान पर करनाल निकाय ने भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के प्रयासों के बावजूद, जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधाएं प्रभावित रहीं, जिससे मरीजों को घंटों तक अनिश्चित स्थिति में इंतजार करना पड़ा। मरीजों को सुबह से ही अल्ट्रासाउंड यूनिट के बाहर इंतजार करना पड़ा और बाद में उन्हें अपने घर लौटना पड़ा या निजी केंद्रों में जाना पड़ा।
कल्पना चावला सरकारी मेडिकल कॉलेज (केसीजीएमसी), एनएचएम, दंत शल्य चिकित्सकों, आयुष विभाग, आयुष्मान सूचीबद्ध निजी अस्पतालों और अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों की तैनाती सहित वैकल्पिक व्यवस्थाओं के साथ पिछले दो दिनों से ओपीडी और अन्य सेवाएं सुचारू रूप से चल रही थीं। अनीता नाम की एक महिला अपने बेटे का अल्ट्रासाउंड करवाने अस्पताल आई थी। डॉक्टरों की हड़ताल की खबर सुनकर वह बहुत परेशान हो गई। उसने कहा, “हम दो दिन पहले भी आए थे, तब भी हमें बताया गया था कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आज फिर हमें वही बात बताई गई।”
उनके बेटे को पेट में तेज दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे का इलाज यहीं चल रहा है। अगर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए तो मरीजों को जाहिर तौर पर परेशानी होगी।” एक अन्य मरीज के सहायक, धर्म सिंह ने भी इसी तरह की निराशा व्यक्त की। वे अपनी पत्नी के अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल आए थे, क्योंकि उनकी पत्नी की सर्जरी होनी है। उन्होंने कहा, “हम दिहाड़ी मजदूर हैं। हम यहां आते रहे हैं। दो दिन की हड़ताल के बाद हमें उम्मीद थी कि हालात सुधरेंगे, लेकिन हड़ताल फिर से शुरू हो गई है।”
सिविल सर्जन डॉ. पूनम चौधरी ने बताया कि केसीजीएमसी के साथ समन्वय पूर्ण है और अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता वाले सभी मरीजों को वहीं रेफर किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, “हमने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के साथ समन्वय स्थापित कर लिया है। इन सेवाओं के लिए किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी।”


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