आज हुई बारिश से चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिली, लेकिन साथ ही सीवेज लाइनों के ओवरफ्लो होने, नालियों के जाम होने और सड़कों पर जलभराव जैसी मौसमी समस्याएं भी पैदा हो गईं।
चंडीगढ़-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर जीरकपुर में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास बारिश का पानी भर गया, जिससे यातायात जाम हो गया। जलभराव को रोकने के लिए किए गए बड़े-बड़े दावे, सिंहपुरा के पास अतिरिक्त चौड़े स्टॉर्म वाटर ड्रेन और ड्रेनेज पंप लगाने के दावे धरे के धरे रह गए।
वीआईपी रोड, पटियाला चौक, के-एरिया लाइट प्वाइंट और पारस डाउनटाउन मॉल के पास वाहनों की लंबी कतारें और ट्रैफिक जाम देखा गया।
नगला निवासी धर्मेंद्र यादव ने कहा, “पिछले एक साल में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। दयालपुरा और नगला में मानसून के मौसम से पहले सीवेज लाइनें खोद दी गई हैं। जीरकपुर नगर परिषद में अव्यवस्था है।” सैदपुरा के पास कीचड़ के कारण डेरा बस्सी-बरवाला रोड पर वाहनों के फंसने से सैकड़ों औद्योगिक श्रमिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर सुबह से लेकर दोपहर तक कई जगहों पर जलभराव रहा। फेज 3बी2 और अन्य निचले इलाकों के निवासियों ने नालियों के जाम होने, जलभराव और मार्केट के पीछे एप्रोच रोड पर सीवेज का पानी बहने की शिकायत की।
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (10 मरला) के महासचिव दीपिंदर सिंह और अध्यक्ष पिंकी औलाख ने कहा, “बाजार में खाने-पीने की दुकानें पिछवाड़े में अवैध रसोई और गोदाम चला रही हैं। वे कचरा, प्लास्टिक और बचा हुआ खाना नालियों में फेंक देते हैं। सभी सीवर लाइनें जाम हो गई हैं, जिससे सीवेज सड़क पर फैल रहा है। यहाँ से पूरे दिन दुर्गंध आती रहती है। बारिश का मौसम हमारे लिए बहुत भयानक होता है।”
खरड़ में मानसून पूर्व हुई बारिश के कारण संतेमाजरा और स्वराज एन्क्लेव में भारी जलभराव हो गया, जिससे स्कूली बच्चों और कार्यालय जाने वालों को सुबह के समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
करीब एक सप्ताह पहले मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह ने गुरुद्वारा सिंह शहीदां से कुंभड़ा चौक तक बरसाती पानी की लाइन की सफाई का काम शुरू करवाया था।
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