N1Live National दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के मामले में समय रैना समेत पांच लोगों को अगली सुनवाई में होना होगा पेश, सुप्रीम कोर्ट का आदेश
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दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के मामले में समय रैना समेत पांच लोगों को अगली सुनवाई में होना होगा पेश, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

In the case of making fun of the disabled, five people including Samay Raina will have to appear in the next hearing, Supreme Court ordered

दिव्यांगों और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों का मजाक उड़ाने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल सहित पांच लोगों को तलब किया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में भी इन सभी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। हालांकि, कॉमेडियन सोनाली ठक्कर को व्यक्तिगत समस्याओं को देखते हुए ऑनलाइन पेश होने की अनुमति दी गई है।

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने बताया कि मुंबई पुलिस और सभी आरोपितों ने अपने-अपने हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। फिलहाल कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है।

साथ ही कोर्ट ने समय रैना समेत पांच कॉमेडियन को चेतावनी दी कि अगर अगली सुनवाई में वह पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

बता दें कि समय रैना, विपुल गोयल, निशांत जगदीश तंवर, सोनाली ठक्कर और बलराज परमजीत सिंह घई को कोर्ट ने 5 मई को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था।

बता दें कि ‘इंडिया गॉट लेटेंट’ मामले में पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक आवेदन दाखिल किया गया था। इस आवेदन को स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी नाम की समस्या के मरीजों की सहायता करने वाली संस्था क्योर एसएमए ने दाखिल किया था। इसमें उन्होंने समय रैना और विपुन गोयल के कुछ वीडियो की शिकायत की थी और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था।

संस्था का आरोप है कि समय रैना ने ‘दैट कॉमेडी क्लब’ में स्टैंडअप में कहा था- ‘देखो, चैरिटी अच्छी बात है, करनी चाहिए। मैं एक चैरिटी देख रहा था, जिसमें एक दो महीने का बच्चा है, जिसे कुछ तो क्रेजी हो गया था। इलाज के लिए उसे 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन चाहिए था।’ समय ने शो में बैठी एक महिला से सवाल किया- ‘मैम, आप बताइए…अगर आप वो मां होतीं और आपके बैंक में 16 करोड़ रुपए आ जाते, तो एक बार तो अपने पति को देखकर बोलती ना कि महंगाई बढ़ रही है और कोई गारंटी नहीं है कि वो बच्चा उस इंजेक्शन के बाद भी बचेगा। मर भी तो सकता है। सोचो इंजेक्शन के बाद मर गया। उससे भी खराब सोचो कि 16 करोड़ के इंजेक्शन के बाद बच्चा बच गया, फिर बड़ा होकर बोले कि मैं पोएट बनना चाहता हूं।’

मामले की पिछली सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत ने इस तरह के मजाक को असंवेदनशील बताया था और इसकी कड़ी आलोचना की थी।

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