October 13, 2025
National

छिंदवाड़ा मामले में ड्रग कंट्रोलर को जेल और स्वास्थ्य मंत्री को हटाया जाए: जीतू पटवारी

In the Chhindwara case, the drug controller should be sent to jail and the health minister should be removed: Jitu Patwari

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सर्दी, बुखार पीड़ित बच्चों की कफ सिरप पीने से हुई मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ड्रग कंट्रोलर को गिरफ्तार कर जेल भेजने और स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लिए जाने की मांग की है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राज्य की मोहन यादव सरकार को राजनीतिक प्रबंधन करने से पहले बच्चों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करनी चाहिए। लगातार बच्चों की मौत हो रही है और अब तो यह आंकड़ा 22 पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं, कई और बच्चे हैं जो गंभीर हालत में हैं और उनका उपचार जारी है। मैं लगातार बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाए जाने की मांग कर रहा हूं, मगर मुख्यमंत्री मोहन यादव राजनीतिक प्रबंधन में लगे हुए हैं।”

पटवारी ने कहा है कि सबसे पहले तो ड्रग कंट्रोलर को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लिया जाना चाहिए। शुरुआती तौर पर 12 बच्चों की मौत हुई, मगर किसी भी तरह की न तो जांच की गई और न ही कार्रवाई की गई। परिणाम यह हुआ कि बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया। अभी समय है कि जिन बच्चों की हालत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है, उन्हें बेहतर सुविधा दिलाकर उनकी जान बचाई जाए।

बता दें कि राज्य सरकार ने अब तक तीन अधिकारियों को निलंबित किया है और एक अधिकारी को हटाया है वही कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने की तैयारी है। इन कार्रवाइयों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए और कहा कि जब तक ड्रग कंट्रोलर को गिरफ्तार नहीं किया जाता और स्वास्थ्य मंत्री को पद से नहीं हटाया जाता, तब तक यही माना जाएगा कि सरकार अपने चेहरे पर लगी कालिख को पोछने का प्रयास कर रही है।

दरअसल, छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में सर्दी-खांसी पीड़ित बच्चों को कोल्ड्रिफ दिया गया था, जिसके चलते अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है। कई बच्चों का नागपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल भी पीड़ित परिवारों के बीच जा चुके हैं। साथ में सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी गई तथा बच्चों के उपचार का इंतजाम भी किया गया है।

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