N1Live National यूपी में किसानों से खतौनी के नाम पर चार गुने पैसे वसूले जा रहे हैं : सपा
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यूपी में किसानों से खतौनी के नाम पर चार गुने पैसे वसूले जा रहे हैं : सपा

In UP, four times the money is being collected from farmers in the name of Khatauni: SP

लखनऊ, 31 जुलाई । उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। बुधवार को विपक्ष ने किसान के मुद्दे पर योगी सरकार को जमकर घेरा। सपा विधायक शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताती है, लेकिन उनका लगातार दोहन किया जा रहा है।

शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान के बड़े-बड़े दावे पेश करती है, लेकिन वास्तविकता इससे परे हैं। किसानों को खतौनी के लिए तीन से चार गुना अधिक शुल्क देना पड़ रहा है। जिससे उनको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व की व्यवस्था के अनुसार एक ही खाते में अंकित सभी खतौनी निकल आती थी। अब रियल टाइम खतौनी में अलग-अलग खतौनी निकल रही है, जिससे सभी का अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नई खतौनी को प्राप्त करने के संबध में कोई संशोधन या आदेश भी पारित नहीं किया है। अगर सरकार ने कोई आदेश जारी किया है तो इसकी सूचना दी जाए। उन्होंने कहा कि तहसील में इनकम लगातार बढ़ रही है लेकिन गरीब किसान पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।

कई किसानों ने मुझे बताया कि पूर्व में खतौनी निकालने का शुल्क 10 रुपये था जो अब 15 रुपये हो गया है। इसके अलावा किसानों से सुविधा शुल्क भी लिया जाता है।

शिवपाल यादव ने आगे कहा कि सपा सरकार में खतौनी का शुल्क कुल पेजों के लिए 15 रुपए रखा गया था, लेकिन मौजूदा सरकार किसानों से खतौनी के लिए प्रति पेज 15 रुपये वसूल रही है। इसके अलावा सुविधा शुल्क भी लिया जा रहा है।

तहसील के अधिकारी नियमों का लाभ उठा रहे हैं। खतौनी की फीस 5 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। शुल्क में वृद्धि करने से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।

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