पटना, 19 जून नरेंद्र मोदी बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और 17 देशों के राजदूत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। विश्वविद्यालय का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है।
प्रधानमंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद रहेंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी का यह पहला बिहार दौरा है। उद्घाटन से पहले वह गया से लाए गए बोधि वृक्ष का पौधा परिसर में लगाएंगे।
प्रधानमंत्री के दौरे के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वह विशेष विमान से गया पहुंचेंगे और सेना के हेलीकॉप्टर से नालंदा विश्वविद्यालय पहुंचेंगे।
राजगीर से नालंदा तक सड़क के दोनों ओर सुरक्षा के मद्देनजर जिला पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है। शहर के सभी होटलों की भी गहन जांच की गई है।
नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह ने कहा कि नए परिसर को मौजूदा प्राचीन संरचना के साथ मिलाने के लिए सावधानीपूर्वक तकनीक अपनाई गई है।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के लिए एक तालाब की खुदाई की गई थी। खुदाई से प्राप्त मिट्टी से कच्ची ईंटें तैयार की गई थीं, जिन्हें पकाया नहीं गया था, बल्कि रसायन डालकर संपीड़ित करके तैयार किया गया था।
कुलपति ने कहा कि इसके निर्माण कार्य में पानी के लिए बोरिंग नहीं की गई थी, बल्कि इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से खोदे गए तालाब में वर्षा के पानी को इकट्ठा करके निर्माण कार्य किया गया था।
वीसी ने कहा, “इस विश्वविद्यालय में दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी बनाई गई है। इसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें और पांडुलिपियां रखी जाएंगी। कई देशों के छात्र पहले से ही यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।”
नालंदा विश्वविद्यालय की आधारशिला 2016 में रखी गई थी।
सिंह ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पहल के बाद राजगीर में 455 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दिया गया।”
नालंदा विश्वविद्यालय में 1,749 करोड़ रुपये की लागत से 24 बड़ी इमारतें बनाई गई हैं।
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