धर्मशाला, 16 अगस्त हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार को 20 माह की छोटी सी अवधि में राजनीतिक, आर्थिक और आपदा मोर्चों पर महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि धनबल के जरिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए कई षड्यंत्र रचे गए।
सुक्खू गुरुवार को देहरा के शहीद भुवनेश डोगरा मैदान में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का घर है, जो राज्य के लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर सुक्खू ने 75 वर्ष से अधिक आयु के सभी पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को बकाया राशि वितरित करने सहित कई प्रमुख घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों का बकाया तुरंत दिया जाएगा, जबकि अन्य कर्मचारियों का बकाया चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पौंग बांध विस्थापितों के दावों का निपटारा वन अधिकार अधिनियम के तहत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत, श्री सुखू ने 18 वर्ष तक की आयु के उन बच्चों को 1,000 रुपये की मासिक सहायता देने की घोषणा की, जो एकल महिला परिवारों, निराश्रित महिलाओं, विधवाओं और विशेष रूप से सक्षम माता-पिता से हैं।
सरकार इन बच्चों की आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेजों और पीएचडी कार्यक्रमों में उनकी 27 वर्ष की आयु तक की शिक्षा का खर्च भी वहन करेगी।
सुक्खू ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और इसका कारण पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णय हैं, जिनसे हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
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