हमीरपुर, 10 मई इंदर दत्त लखनपाल और राजिंदर राणा ने भाजपा के प्रति अपनी वफादारी बदलकर राजनीतिक आत्महत्या कर ली है क्योंकि ये दोनों कांग्रेस के मंच पर चुने गए थे। यह बात आज यहां हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की सत्ता संभालने के बाद बड़सर और सुजानपुर निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े विकास कार्य शुरू किए हैं।
कौशल ने कहा कि दोनों नेताओं को इतिहास से सबक लेना चाहिए था क्योंकि लोगों ने बेवफा नेताओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन बार विधानसभा के लिए चुने जाने के बावजूद इंद्र दत्त लखनपाल कभी भी बड़सर के लोगों की सेवा नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सीएम ने 12 महीनों में बड़सर निर्वाचन क्षेत्र के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि लखनपाल दोबारा लोगों को धोखा नहीं दे पाएगा।
उन्होंने कहा कि 2012 में राणा ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अपने राजनीतिक गुरु को धोखा दिया और बाद में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वह दो बार विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से समर्थन मिलने के बावजूद राणा भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे दलबदलू राजनीति में ज्यादा समय तक नहीं चल पाते। उन्होंने कहा, सुजानपुर के लोग नाराज थे और राणा की हार अपरिहार्य थी।