नई दिल्ली, 17 जुलाई। कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। कांग्रेस का यह भी कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) से उनका कोई गठबंधन नहीं होगा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था।
इंडिया गठबंधन के अंतर्गत लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ आए थे। बावजूद इसके गठबंधन को दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद आम आदमी पार्टी पहले ही दिल्ली में गठबंधन नहीं करने की बात कह चुकी है। अब कांग्रेस ने भी स्पष्ट किया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
इस घोषणा के साथ ही दिल्ली में इंडिया गठबंधन भी नहीं रह गया है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव के मुताबिक कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने जा रही है। गरीब, मध्यम वर्ग, पिछड़ा, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक वर्ग सहित मजदूर, रेहड़ी पटरी, खोमचा वाले, युवा वर्ग और महिलाएं बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी के कारण भाजपा और आम आदमी पार्टी से परेशान हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि हम लगातार बिजली-पानी संकट, जल भराव, जल निकासी, बिजली दरों में बढ़ोत्तरी आदि वर्तमान मुद्दों पर भी लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए बूथ स्तर पर कांग्रेस की तैयारी चल रही है। कांग्रेस का कार्यकर्ता घर-घर जाकर जहां लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम कर रहा है, वहीं उनसे मिलकर उनकी समस्याओं, परेशानियों, क्षेत्र में कमियों और आने वाले समय में पार्टी के साथ उनकी क्या विचारधारा रहेगी, यह सब जानने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिले मत प्रतिशत और संगठन को अधिक मजबूती देने के लिए आयोजित की जा रही जिला कांग्रेस कमेटियों की कार्यकारिणी बैठकों के बाद लोगों का रुझान कांग्रेस पार्टी की ओर बढ़ा है। हमारे नेता राहुल गांधी के देशहित में किए गए प्रयासों को कोई नकार नहीं सकता। दिल्ली में गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था। आने वाले समय में होने वाले सभी चुनावों में कांग्रेस किसी के साथ मिलकर नहीं लड़ेगी।
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