October 29, 2025
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भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की वार्ता, देशों पक्षों ने कही सीमा पर शांति और स्थिरता की बात

India-China Corps Commander level talks, countries talk about peace and stability on the border

 

नई दिल्ली, सीमा पर शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की यह वार्ता 25 अक्टूबर को आयोजित की गई। कोर कमांडर स्तर की यह 23वीं बैठक चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित की गई।

 

इस बैठक के जरिए सीमा सैन्य तैनाती के मामले बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान स्थित लोंगेवाला के अग्रिम इलाकों का दौरा किया था।

चीन से लगी उत्तरी सीमा की स्थिति पर यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चल रही वार्ताएं और डी-एस्केलेशन के प्रयास भारत की संतुलित और दृढ़ विदेश नीति का प्रमाण हैं।

उन्होंने कहा था, “हमारी नीति स्पष्ट है – संवाद भी होगा और सीमा पर हमारी तैयारी भी अटूट रहेगी।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस दौरान आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए और सुरक्षा स्थिति एवं भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारी की समीक्षा की।

उन्होंने यहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की सैन्य शक्ति और राष्ट्रीय चरित्र का प्रतीक बताया था। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि राष्ट्र के साहस और संयम का प्रतीक है।

बुधवार को विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि यह बैठक पश्चिमी क्षेत्र में जनरल-स्तरीय तंत्र की पहली बैठक थी। यह बैठक 19 अगस्त 2025 को हुई 24वीं विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बाद आयोजित की गई है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और चीन के बीच कॉर्प कमांडर बैठक सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण में हुई। दोनों पक्षों ने पिछले वर्ष अक्टूबर 2024 में हुई 22वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद से हुई प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया है।

दोनों पक्षों ने यह भी माना कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनी हुई है। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सीमा से जुड़े किसी भी जमीनी मुद्दे को हल करने के लिए मौजूदा तंत्रों का उपयोग जारी रखा जाएगा, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता और आपसी विश्वास बना रहे।

गौरतलब है कि यह वार्ता गलवान घाटी में हुए संघर्ष से उत्पन्न तनाव को कम करने की कोशिशों का भी एक अहम हिस्सा है।

 

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