पोर्ट लुईस,मॉरीशस में भारत के राजदूत अनुराग श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम को 10 इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप सौंपी है। इससे भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
इस समारोह का आयोजन बुधवार को रेडुइट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा एवं नवाचार संस्थान में किया गया था। यह संस्थान भारत-मॉरीशस मैत्री के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय है।
कार्यक्रम में भारतीय राजदूत और मॉरीशस के प्रधानमंत्री के अलावा सरकार के अन्य मंत्री और गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
पोर्ट लुइस स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा को याद किया और इस ई-बस परियोजना को सार्वजनिक परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव और दोनों देशों के बीच के विशेष संबंधों का प्रतीक बताया।”
मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने उच्च-स्तरीय बुनियादी ढांचे और भविष्य के लिए तैयार क्षेत्रों, नीली अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्रौद्योगिकी, खाद्य और समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में कार्बन उत्सर्जन कम करने, ईंधन आयात में कटौती और ई-मोबिलिटी में रोजगार सृजन में ई-बस परियोजना की भूमिका पर प्रकाश डाला।
भारत-मॉरीशस मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना, नया सुप्रीम कोर्ट भवन, नया ईएनटी अस्पताल, 956 सामाजिक आवास इकाइयां और शैक्षिक टैबलेट जैसी कई उच्च-स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभा रहा है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने इसके लिए भारत के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से मॉरीशस के विकास में भारत की अहम भूमिका रही है।
भारतीय उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मॉरीशस के साथ जन-केंद्रित और सतत विकास साझेदारी के लिए भारत प्रतिबद्ध है। उन्होंने मॉरीशस के हरित परिवर्तन के लिए भारत के व्यापक समर्थन को भी रेखांकित किया, जिसमें 8 मेगावाट का सौर पीवी फार्म (हेनरीटा), 100 सौर स्ट्रीट लाइट और रॉड्रिक्स में एक सामुदायिक सौर फार्म शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में मॉरीशस की यात्रा की थी।
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