N1Live National भारत 330 मिलियन टन खाद्यान का कर रहा उत्पादन, 50 बिलियन डॉलर का हो रहा निर्यात: कृषि मंत्री
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भारत 330 मिलियन टन खाद्यान का कर रहा उत्पादन, 50 बिलियन डॉलर का हो रहा निर्यात: कृषि मंत्री

India is producing 330 million tonnes of food grains, exporting 50 billion dollars: Agriculture Minister

20 नवंबर । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मौजूदा समय में सालाना 330 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हो रहा है और वैश्विक खाद्य व्यापार में भारत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। खाद्यान्न निर्यात से 50 बिलियन डॉलर की कमाई हो रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में ‘वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए, कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी पहलों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है जो दीर्घ कालिक हो और कृषि के लिए लाभदायक भी।

केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक मृदा कांफ्रेंस 2024 को संबोधित करते हुए बताया कि रासायनिक उर्वरकों पर बढ़ती उपयोग और निर्भरता, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और अस्थिर मौसम ने मिट्टी पर दबाव डाला है।

उन्होंने कहा, “केमिकल फर्टिलाइज़र का बढ़ता उपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन और अस्थिर मौसम ने मिट्टी पर दबाव डाला है। आज भारत की मिट्टी बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही है। कई अध्ययनों के अनुसार हमारी 30 फीसदी मिट्टी खराब हो चुकी है।”

केंद्रीय मंत्री ने उपस्थित लोगों को बताया कि प्रदूषण, धरती में आवश्यक नाइट्रो और माइक्रो न्यूट्रेंट के स्तर में कमी आ रही है। मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी से उसकी उर्वरता कम हो रही है इससे न केवल उत्पादन पर असर होगा बल्कि आने वाले समय में किसानों की आजीविका और खाद्य संकट भी पैदा हो सकता है। ऐसे में इस पर गंभीरता से इस पर विचार करना जरूरी है।

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए कई पहल शुरू की है। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने की शुरुआत हुई और अब तक 220 मिलियन से अधिक कार्ड किसानों को बनाकर दिए जा चुके हैं। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड से अब पता है कि कौन सी खाद कितनी मात्रा में उपयोग करनी है।

‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-प्रति बूंद अधिक फसल’ के तहत सरकार ने पानी के सही तरीके से उपयोग, बर्बादी को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए इंटीग्रेटेड पोषक तत्व और जल प्रबंधन विधियों को अपनाना होगा।

हमें मिट्टी की क्वालिटी में सुधार, मिट्टी के कटाव को कम करने और जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इनोवेशन के समाधान और विस्तार सिस्टम की भूमिका महत्वपूर्ण है।

कृषि मंत्री ने कहा, “जल्द ही आधुनिक कृषि चौपाल का कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें वैज्ञानिक किसानों से चर्चा कर उन्हें जानकारियां भी देंगे और समस्याओं का समाधान भी करेंगे।”

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