October 25, 2025
National

‘भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में नए आयाम छू रहा’, दिल्ली एम्स के दीक्षांत समारोह में जेपी नड्डा ने युवा डॉक्टरों से की खास अपील

‘India is scaling new heights in the healthcare sector’, JP Nadda appeals to young doctors at the Delhi AIIMS convocation

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को दिल्ली एम्स के 50वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान, उन्होंने छात्रों को बधाई दी और भारत में चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में एम्स के अद्वितीय योगदान की सराहना की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने युवा डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे सहानुभूति के साथ सेवा करें, नैतिकता के उच्चतम मूल्यों को बनाए रखें और देश की उभरती स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करने के लिए नवाचार का उपयोग करें।

दिल्ली एम्स के बारे में जेपी नड्डा ने कहा, “चिकित्सा विज्ञान, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एम्स ने न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।”

भारत के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में पिछले दशक में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि पिछली सदी के अंत में देश में सिर्फ एक एम्स था, जबकि आज पूरे भारत में 23 एम्स कार्यरत हैं। यह सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा प्रशिक्षण देश के हर क्षेत्र तक पहुंचें।

उन्होंने आगे बताया कि पिछले 11 सालों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है। इसी प्रकार, अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीटें 51 हजार से बढ़कर 1.29 लाख और पोस्ट ग्रेजुएट सीटें 31 हजार से बढ़कर 78 हजार हो गई हैं। जेपी नड्डा ने यह भी बताया कि अगले 5 सालों में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर अतिरिक्त 75 हजार सीटें जोड़ी जाएंगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत ने मातृ और शिशु स्वास्थ्य क्षेत्र में भी प्रगति की है, जहां एसआरएस के आंकड़ों के अनुसार, मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 से घटकर 88 और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 से घटकर 27 हो गई है। 5 साल से कम आयु की मृत्यु दर (यू5एमआर) और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) में भी क्रमशः 42 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।

द लैंसेट रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने आगे बताया कि भारत में टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो वैश्विक दर 8.3 प्रतिशत से लगभग दोगुनी है।

समारोह के दौरान 326 स्नातकों को उपाधियां दी गईं, जिनमें 50 पीएचडी स्कॉलर, 95 डीएम-एमसीएच विशेषज्ञ, 69 एमडी, 15 एमएस, 4 एमडीएस, 45 एमएससी, 30 एमएससी (नर्सिंग) और 18 एम.बायोटेक स्नातक शामिल थे। इसके अलावा, एम्स में उनके योगदान और समर्पित सेवा के लिए 7 डॉक्टरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

Leave feedback about this

  • Service