December 16, 2025
National

भारत-जॉर्डन संबंधों को नई मजबूती, पीएम मोदी ने कहा- दोनों देशों की साझेदारी में हुआ अहम विस्तार

India-Jordan relations gain new strength, PM Modi said – there has been a significant expansion in the partnership between the two countries.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन के द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा और मजबूती मिली है। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते और सहमतियां तय की गईं, जो ऊर्जा, जल प्रबंधन, संस्कृति, विरासत संरक्षण और डिजिटल सहयोग जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “ये नतीजे भारत-जॉर्डन पार्टनरशिप का एक अहम विस्तार दिखाते हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग स्वच्छ विकास, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु के प्रति जिम्मेदारी के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है।”

पीएम मोदी ने आगे लिखा, “जल संसाधन प्रबंधन और विकास में सहयोग से हमें संरक्षण, दक्षता और टेक्नोलॉजी में बेहतरीन तरीकों को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे लंबे समय तक पानी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पेट्रा और एलोरा के बीच ट्विनिंग एग्रीमेंट विरासत संरक्षण, पर्यटन और एकेडमिक आदान-प्रदान के नए रास्ते खोलता है।”

उन्होंने कहा, “सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण (2025–2029) दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को और गहरा करेगा। हमारे डिजिटल इनोवेशन को साझा करने से जॉर्डन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को सपोर्ट मिलेगा और समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा।”

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री की जॉर्डन यात्रा के दौरान तय हुए सभी परिणामों की जानकारी साझा करते हुए बताया था कि कुल पांच प्रमुख समझौते और सहमतियां अंतिम रूप दी गई हैं। इनमें नई और नवीकरणीय ऊर्जा में तकनीकी सहयोग, जल संसाधन प्रबंधन, पेट्रा–एलोरा ट्विनिंग एग्रीमेंट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण और डिजिटल सहयोग पर आशय पत्र शामिल है।

विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। भारत अपनी जनसंख्या स्तर पर लागू की गई सफल डिजिटल पहलों और समाधानों को जॉर्डन के साथ साझा करेगा। इससे जॉर्डन की डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को समर्थन मिलेगा और समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा।

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