नई दिल्ली,11 दिसंबर । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि “हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर हैं। हमने यूके को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं।”
आईआईटी-धनबाद के 43वें दीक्षांत समारोह में देश की तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। आपको पता होगा, दुनिया कितनी तेज गति से बदल रही है। हमारा देश क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है।”
विश्व बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने डिजिटल क्षेत्र में जो उपलब्धि 6 सालों में किया है, वह सैंतालिस सालों में भी संभव नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है वह अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना से भी अधिक है।
उन्होंने कहा, “भारत की प्रतिभा का कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही ग्रहण करते हैं, भारत का प्रति व्यक्ति इंटरनेट डेटा कंजप्शन अमेरिका और चीन के प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन से भी अधिक है। देश में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला, जब भारत की एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू जी को भारत का प्रथम नागरिक चुना गया जब वह राष्ट्रपति बनीं।”
उपराष्ट्रपति ने अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत वह पहला देश है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतार कर इतिहास रच दिया है। अब वहां शिव शक्ति पॉइंट भी है और तिरंगा पॉइंट भी है, आज हमारा इसरो अमेरिका, यूके, सिंगापुर और कई विकसित देशों के सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजता है।
उन्होंने छात्रों से कहा, “आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। आपके पास सीखने के लिए तकनीकी है, कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है कि दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग के बारे में पता लगाइए, क्या है, हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे जा चुके हैं।”
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान किया और उन्हें भारतीय संसद देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने छात्रों को अपने साथ लंच करने का भी आमंत्रण दिया।
धनखड़ ने अंत में कहा, “हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए, भारत का हित सर्वोपरि है, भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए।”